क्या जालंधर में रेप और मर्डर केस में पुलिस की लापरवाही की जांच तेज हुई?
सारांश
Key Takeaways
- जालंधर में 13 वर्षीय पीड़िता के साथ दुष्कर्म और हत्या का मामला सामने आया है।
- एनसीडब्ल्यू ने मामले की जांच के लिए पीड़िता के परिवार से मुलाकात की।
- पुलिस की लापरवाही पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं।
- पीड़िता की मां ने न्याय की मांग की है।
- इस मामले में फास्ट ट्रैक सुनवाई की अपील की गई है।
जालंधर, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर के निर्देश पर नेशनल कमीशन फॉर विमेन (एनसीडब्ल्यू) की एक टीम ने जालंधर में 13 वर्षीय पीड़िता के परिवार से भेंट की, ताकि मामले का गहन अध्ययन किया जा सके और परिवार द्वारा उठाए गए जांच में हुई कमियों पर गौर किया जा सके।
4 दिसंबर को, विजया रहाटकर ने जालंधर डिवीजन के सभी सीनियर पुलिस अधिकारियों के साथ एक रिव्यू मीटिंग की, जिसमें इस केस पर विस्तृत चर्चा की गई।
हालांकि, पंजाब में जिला परिषद चुनाव के लिए लागू मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के चलते, डिवीजन के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक को रद्द करना पड़ा। विजया रहाटकर को इस कोड के लागू होने की पूर्व सूचना नहीं दी गई थी, जिससे महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा नहीं हो पाई।
पीड़िता की मां के अनुसार, सीसीटीवी फुटेज में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि नाबालिग आरोपी पड़ोसी के घर में प्रवेश कर रही है, जो पीड़िता की दोस्त का पिता और एक स्कूल बस चालक है। सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि किसी भी फुटेज में वह बाहर निकलती हुई नहीं दिखाई दे रही है। इसके बावजूद, एएसआई मंगत राम, जिसने घटना के दिन घर की तलाशी ली थी, कथित तौर पर लगभग 30-40 मिनट तक घर के अंदर रहने के बाद भी लड़की का पता नहीं लगा पाए।
जब पड़ोसियों को कोई बाहर निकलने का फुटेज न मिलने की चिंता हुई, तो उन्होंने स्वयं तलाशी ली, तब लड़की का शव उसी घर के बाथरूम में मिला। इससे पुलिस की प्रारंभिक कार्रवाई के तरीके पर गंभीर प्रश्न उठते हैं।
पीड़िता की मां ने पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है, जिसमें कानून के तहत अधिकतम सजा शामिल हो। उन्होंने एएसआई मंगत राम के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की मांग की है, जिनकी लापरवाही के कारण जांच में देरी हुई। उनके खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।
इस गंभीर अपराध को देखते हुए, एनसीडब्ल्यू ने फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट से अपील की है कि वह समय पर, निष्पक्ष और तेज ट्रायल सुनिश्चित करने के लिए रोजाना सुनवाई करे। पीड़िता की मां ने न्याय की मांग की है।