क्या जम्मू एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ ने बहु-एजेंसी मॉक ड्रिल आयोजित की?
सारांश
Key Takeaways
- सीआईएसएफ ने बहु-एजेंसी मॉक ड्रिल आयोजित की।
- आपातकालीन स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया का मूल्यांकन किया गया।
- सुरक्षा बलों के बीच समन्वय को बढ़ावा दिया गया।
- विभिन्न एजेंसियों ने सक्रिय भागीदारी की।
- आपातकालीन प्रबंधन में सुधार के लिए प्रशिक्षण दिया गया।
जम्मू, 22 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू एयरपोर्ट की सुरक्षा और आपातकालीन स्थिति से निपटने की तैयारी को परखने के लिए शनिवार को सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (सीआईएसएफ) द्वारा बहु-एजेंसी मॉक अभ्यास का आयोजन किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय, प्रतिक्रिया क्षमता और त्वरित कार्रवाई की व्यवस्था का मूल्यांकन करना था, ताकि आपात स्थिति का बेहतरीन तरीके से सामना किया जा सके।
अभ्यास के दौरान सीआईएसएफ, एसओजी-जेकेपी, भारतीय वायुसेना (आईएएफ), एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई), जम्मू-कश्मीर फायर एवं इमरजेंसी सर्विसेज, जीएमसी मेडिकल टीम, एएआई फायर सर्विसेज, सीआईएसएफ के बीडीडीएस (बॉम्ब डिस्पोजल एंड डिटेक्शन स्क्वाड) एवं डॉग स्क्वाड सहित सभी संबंधित एजेंसियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। ड्रिल के दौरान एक आपात स्थिति का परिदृश्य तैयार किया गया और सुरक्षा बलों ने मौके पर पहुंचकर आवश्यक कदम उठाए।
सीआईएसएफ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "सीआईएसएफ ने जम्मू एयरपोर्ट पर बहु-एजेंसी मॉक अभ्यास किया। आपातकाल के दौरान सभी स्टेकहोल्डर्स के बीच संचालन की तैयारी और समन्वय का परीक्षण करने के लिए यह अभ्यास किया गया। इस अभ्यास में सीआईएसएफ, एसओजी-जेकेपी, आईएएफ, एएआई, जेकेएफ एंड ईएस, जीएमसी मेडिकल टीम, एएआई फायर सर्विसेज, सीआईएसएफ के बीडीडीएस और डॉग स्क्वाड तथा अन्य स्टेकहोल्डर्स ने सक्रिय भागीदारी की, जिससे एजेंसियों के बीच मजबूत तालमेल और संचालन की दक्षता प्रदर्शित हुई।"
सीआईएसएफ ने आगे लिखा, "सीआईएसएफ पूरी तैयारी बनाए रखने और सुरक्षित, सुरक्षात्मक और अच्छी तरह से समन्वित एयरपोर्ट संचालन सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।"
सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स के एयरपोर्ट सेक्टर ने एक्स पर पोस्ट में लिखा, "जम्मू एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ ने कई एजेंसियों के बीच एक मॉक अभ्यास किया, जिसमें हथियारों से लैस हमलों और गाड़ी में मौजूद आईईडी का पता लगाने की कोशिश की गई। इस अभ्यास में संचालन की तैयारी, आपातकालीन प्रतिक्रिया और सीआईएसएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस के एसओजी और अन्य विशेष स्टेकहोल्डर्स के बीच तालमेल को देखा गया।"