क्या जम्मू-कश्मीर की क्राइम ब्रांच ने सीएटी रिकॉर्ड से छेड़छाड़ मामले में चार्जशीट दाखिल की?
सारांश
Key Takeaways
- जम्मू-कश्मीर में सीएटी रिकॉर्ड में छेड़छाड़ का मामला गंभीर है।
- क्राइम ब्रांच ने 6 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
- सरकारी दस्तावेजों की सुरक्षा पर सवाल उठता है।
- आरोपियों की मिलीभगत से न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित हुई है।
- इस मामले में सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।
श्रीनगर, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर पुलिस की क्राइम ब्रांच कश्मीर की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (ईओडब्ल्यू) ने सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (सीएटी) रिकॉर्ड में छेड़छाड़ के मामले में 6 आरोपियों के खिलाफ श्रीनगर के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट में 1200 पन्नों की चार्जशीट जमा कर दी है।
इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है और जिन छह व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है, उनमें हैं: पठान मजीद अहमद खान (मुख्य सरगना); मुश्ताक अहमद राथर; मुदासिर यूसुफ वानी; गुलाम मोहम्मद रेशी; बशीर अहमद डार; और अनूप मिश्रा (सीएटी श्रीनगर का पूर्व कर्मचारी)।
यह मामला तब उजागर हुआ जब हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट ने सीएटी श्रीनगर में टीए नंबर 4100/2021 के दस्तावेजों में गंभीर छेड़छाड़ की पहचान की। जांच में पता चला कि कोर्ट की कस्टडी में मौजूद रिकॉर्ड को अवैध रूप से बदला गया था ताकि कुछ अस्थायी कर्मचारियों को नियमित दिखाया जा सके।
पठान मजीद खान ने अनूप मिश्रा के साथ मिलकर कोर्ट रिकॉर्ड में मनमाने तरीके से पेज जोड़े और हटाए। जांच के दौरान उनके घर से डायरेक्टर हॉर्टिकल्चर, बीडीओ, तहसीलदार, जेडईओ, प्रिंसिपल, और हेड मास्टर समेत 12 सरकारी विभागों की असली और नकली मुहरें बरामद की गईं।
आरोपियों के फोन की सीडीआर और वाट्सअप चैट से स्पष्ट हुआ कि अनूप मिश्रा ने अपनी आधिकारिक स्थिति का दुरुपयोग करते हुए रिकॉर्ड में छेड़छाड़ की और इसके बदले में मोटी रकम प्राप्त की। मजीद खान का फोन जब्त करने पर उसमें साजिश से संबंधित चैट मिली।
ईओडब्ल्यू के एसपी ने कहा कि यह सरकारी दस्तावेजों और न्यायिक प्रक्रिया के साथ धोखाधड़ी का एक गंभीर मामला है। हमने सभी सबूत कोर्ट में पेश कर दिए हैं और आरोपियों को जल्द ही कोर्ट में पेश किया जाएगा।