क्या जम्मू-कश्मीर में मवेशी तस्कर को एफआईआर दर्ज होने के 3 दिन में सजा मिली?
सारांश
Key Takeaways
- मवेशी तस्करी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई।
- आरोपी को एफआईआर के 3 दिन में सजा सुनाई गई।
- पुलिस ने गुमशुदा मोबाइल फोन की भी बरामदगी की।
- कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस की सक्रियता।
डोडा, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर की डोडा पुलिस ने मवेशी तस्करी से संबंधित एक आरोपी को सजा दिलाने में सफलता प्राप्त की है। यह कार्रवाई अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए पुलिस के निरंतर प्रयासों को दर्शाती है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, 25 दिसंबर को पुलिस स्टेशन थाथरी में रामबन के बटोटे निवासी मोहम्मद हनीफ पुत्र अल्फू गुज्जर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इस अभियान के दौरान उसके पास से छह मवेशी बरामद किए गए।
जांच पूरी होने के बाद, 27 दिसंबर को जेएमआईसी थाथरी न्यायालय में चालान पेश किया गया। मामले की सुनवाई के परिणामस्वरूप न्यायालय ने आरोपी को दोषी पाया और उस पर 7,550 रुपए का जुर्माना लगाया। यह खास बात है कि एफआईआर दर्ज होने के केवल तीन दिन बाद ही न्यायालय ने अपना निर्णय सुनाया।
डोडा पुलिस ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मवेशी तस्करी और अन्य अवैध गतिविधियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है।
इससे पहले, शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिला पुलिस ने लाखों रुपए के 46 गुमशुदा मोबाइल फोन बरामद किए।
पुलिस के एक बयान में कहा गया है कि पिछले चार महीनों में आम जनता से सीईआईआर पोर्टल और विभिन्न पुलिस इकाइयों में गुमशुदा मोबाइल फोन के संबंध में कई शिकायतें प्राप्त हुईं।
पुलिस ने बताया कि मामले की जांच के लिए साइबर पुलिस स्टेशन गांदरबल की विशेष टीमें गठित की गईं।
बयान में आगे कहा गया है कि इन टीमों ने तकनीकी और जमीनी स्तर पर निरंतर प्रयास किए, जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न स्थानों से 46 मोबाइल फोन सफलतापूर्वक बरामद किए गए।
इसमें आगे बताया गया कि बरामद मोबाइल फोन शुक्रवार को औपचारिक रूप से उनके असली मालिकों को सौंप दिए गए।
पुलिस के बयान में यह भी दावा किया गया कि यह बरामदगी टेक्नोलॉजी के प्रभावी इस्तेमाल और समन्वित पुलिसिंग के माध्यम से जनता की शिकायतों को सुलझाने और साइबर अपराधों से निपटने के लिए गांदरबल पुलिस की "प्रतिबद्धता" को दर्शाती है।