क्या जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ सरकार बनाने की भाजपा को आवश्यकता नहीं है: सुनील शर्मा?

सारांश
Key Takeaways
- भाजपा नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन नहीं करेगी।
- सुनील शर्मा ने विपक्ष में रहने का समर्थन किया।
- भाजपा को जनता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता है।
- जम्मू-कश्मीर को योग्यता से चुने गए नेताओं की जरूरत है।
- भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के खिलाफ संघर्ष जारी है।
श्रीनगर, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के विपक्षी नेता सुनील शर्मा ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के उस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि नेशनल कॉन्फ्रेंस किसी भी स्थिति में भाजपा के साथ सहयोग नहीं करेगी। भाजपा नेता ने स्पष्ट किया कि हम खुद नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ सरकार नहीं बनाएंगे। हम किसी भी शर्त पर सरकार नहीं बनाने का इरादा रखते हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ व्यक्तियों द्वारा उठाए जा रहे ये दावे पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। ऐसे बयानों और भाषणों के माध्यम से जम्मू-कश्मीर के लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है।
सुनील शर्मा ने आगे कहा कि भाजपा को विश्वास है कि चाहे राज्यसभा चुनाव हों, जम्मू-कश्मीर में उपचुनाव हों या बिहार चुनाव, पार्टी हर चुनौती के लिए तैयार है। हमें अपनी जनता पर पूरा भरोसा है। चाहे बिहार हो, बडगाम हो या नगरोटा, भाजपा की जीत निश्चित रूप से बड़ी होगी।
कुछ लोग यह दावा कर रहे हैं कि भाजपा राज्यसभा चुनाव के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त करेगी, लेकिन इसमें कोई सच्चाई नहीं है। ये दावे खोखले हैं और जनता को भ्रमित करने के प्रयास हैं।
भाजपा नेता सुनील शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी विपक्ष में है और हम इस स्थिति में संतुष्ट हैं। जम्मू-कश्मीर की जनता ने हमें विपक्ष में रहने का मेंडेट दिया है। हम विपक्ष में रहकर लोगों की आवाज उठाएंगे।
उमर अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए भाजपा नेता ने कहा कि आपके विधायक बिकने को तैयार हैं, लेकिन हम उन्हें खरीदने के लिए राजी नहीं हैं। हम उनके साथ कभी गठबंधन नहीं करेंगे जिनके हाथ आम नागरिकों के खून से रंगे हैं, जिन्होंने हमारे युवाओं का भविष्य बर्बाद किया है और हमारे बच्चों के साथ विश्वासघात किया है।
हम नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ कभी सरकार नहीं बनाएंगे और न ही हमें ऐसा करने की आवश्यकता है। हम उन लोगों के साथ कभी भी गठबंधन नहीं करेंगे जिनके हाथ निर्दोष कश्मीरियों के खून से रंगे हैं। हमारी प्रतिबद्धता जम्मू-कश्मीर के लोगों के प्रति है, ना कि सत्ता की राजनीति के प्रति। जब हम चाहेंगे, अपनी जनता के विश्वास और समर्थन से सरकार बना लेंगे।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को पारिवारिक विरासत से नहीं, बल्कि योग्यता से चुने गए नेताओं की आवश्यकता है। स्वतंत्र प्रतिनिधियों की गरिमा और निष्ठा पर सवाल उठाना, जैसा कि उमर अब्दुल्ला ने किया, सच्चे नेतृत्व के लिए अनुचित है। हमारे उम्मीदवार ईमानदारी, पारदर्शिता और सच्ची प्रगति के पक्षधर हैं। यह लड़ाई भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ है और एक ऐसे भविष्य के लिए है जिसका नेतृत्व सक्षम, ईमानदार नेता करें।
जम्मू-कश्मीर के लोग अहंकार पर नहीं, बल्कि जवाबदेही पर आधारित शासन के हकदार हैं।