क्या जम्मू-कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ एनआईए स्पेशल कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट जारी किया?

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क्या जम्मू-कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ एनआईए स्पेशल कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट जारी किया?

सारांश

जम्मू-कश्मीर में एनआईए की विशेष अदालत ने हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। यह मामला 2012 से जुड़ा है और पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश दिया गया है। क्या यह नई कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है?

Key Takeaways

  • सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है।
  • यह मामला 2012 से जुड़ा है।
  • एनआईए ने जम्मू-कश्मीर पुलिस को गिरफ्तारी का आदेश दिया है।
  • सलाहुद्दीन पाकिस्तान में रह रहे हैं।
  • भारत आतंकवाद के खिलाफ मजबूत कदम उठा रहा है।

श्रीनगर, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में एनआईए की विशेष अदालत ने पाकिस्तान-आधारित प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख मोहम्मद यूसुफ शाह उर्फ सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। अदालत ने जम्मू-कश्मीर पुलिस को निर्देश दिया है कि वह इस पुराने आतंकवाद संबंधी मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर पेश करे।

यह मामला 2012 में बडगाम पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर नंबर 331/2012 से जुड़ा है, जिसमें यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) की धारा 13, 18, 20, 39 और आरपीसी की धारा 506 के तहत आरोप लगाए गए हैं।

विशेष न्यायाधीश याहया फिरदौस की अदालत ने अपने आदेश में कहा कि जांच के दौरान एकत्र सामग्री से प्रथम दृष्टया सलाहुद्दीन की इन अपराधों में संलिप्तता साबित होती है। अदालत ने केस डायरी की जांच की और पाया कि आरोपी गिरफ्तारी से बच रहा है। अभियोजन पक्ष के सहायक लोक अभियोजक मोहम्मद इकबाल राथर ने आवेदन दाखिल कर वारंट जारी करने की मांग की थी।

उन्होंने बताया कि सलाहुद्दीन सीमा पार कर पाकिस्तान चला गया है और वर्तमान में वहां रह रहा है। बडगाम पुलिस स्टेशन के एसएचओ और सोइबुघ पुलिस पोस्ट के प्रभारी ने अलग-अलग प्रमाणपत्र जारी कर पुष्टि की है कि आरोपी का पता नहीं लगाया जा सका।

अदालत ने सीआरपीसी की धारा 73 का हवाला देते हुए कहा कि गैर-जमानती अपराध के आरोपी जो गिरफ्तारी से बच रहे हैं, उनके खिलाफ ऐसा वारंट जारी किया जा सकता है। चूंकि आरोपी के खिलाफ लगे अपराध यूएपीए के अंतर्गत आते हैं, इसलिए अदालत ने पुलिस को उसे गिरफ्तार करने का स्पष्ट निर्देश दिया।

रिपोर्ट के अनुसार सैयद सलाहुद्दीन, जिनका असली नाम मोहम्मद यूसुफ शाह है, बडगाम के सोइबुघ इलाके के निवासी हैं। आरोपी सीमा पार कर चुका है और वर्तमान में पाकिस्तान में रह रहा है। भारत में उसके खिलाफ कई आतंकवाद और फंडिंग के मामले दर्ज हैं। जुलाई 2025 में एक अन्य एनआईए अदालत ने उन्हें यूएपीए के तहत भगोड़ा घोषित किया था।

Point of View

बल्कि यह देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
20/12/2025

Frequently Asked Questions

सैयद सलाहुद्दीन कौन हैं?
सैयद सलाहुद्दीन, जिनका असली नाम मोहम्मद यूसुफ शाह है, हिजबुल मुजाहिदीन का प्रमुख हैं और कई आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहे हैं।
एनआईए ने उनके खिलाफ वारंट क्यों जारी किया?
एनआईए ने सलाहुद्दीन के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया क्योंकि वह गिरफ्तारी से बच रहे थे और उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं।
क्या वारंट जारी होने से सलाहुद्दीन की गिरफ्तारी होगी?
हां, वारंट के जारी होने से भारत सरकार के पास उन्हें गिरफ्तार करने का अधिकार है, यदि वह भारत की सीमा में आते हैं।
यह मामला कब से जुड़ा है?
यह मामला 2012 से जुड़ा है, जब बडगाम पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी।
क्या सलाहुद्दीन अभी भी पाकिस्तान में हैं?
जी हां, सलाहुद्दीन वर्तमान में पाकिस्तान में रह रहे हैं।
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