क्या जमुई में दुरंतो एक्सप्रेस से गिरफ्तार हुआ यात्री 70 लाख रुपए के साथ?
सारांश
Key Takeaways
- आरपीएफ और जीआरपी ने मिलकर एक बड़ी कार्रवाई की।
- 70 लाख रुपए की नकदी मिली, जिसने सभी को चौंका दिया।
- यात्री ने बताया कि बैग उसे एक मंदिर के सेवक ने दिया था।
- पुलिस अभी भी मामले की जांच कर रही है।
- आयकर विभाग की टीम भी इस मामले में शामिल होगी।
जमुई, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के जमुई में शनिवार रात आरपीएफ दानापुर और जीआरपी झाझा की संयुक्त टीम ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की। इस टीम ने दुरंतो एक्सप्रेस से 70 लाख रुपए नकद के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। मामले की जानकारी आयकर विभाग को दी गई।
सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा नियंत्रण कक्ष, दानापुर से ट्रेन एस्कॉर्ट टीम को पहले ही सूचना मिली थी कि झाझा स्टेशन पर ट्रेन की विशेष जांच करनी है। जैसे ही दुरंतो एक्सप्रेस (12274) प्लेटफॉर्म संख्या 2 पर पहुँची, आरपीएफ और जीआरपी की टीम ने तुरंत एस-3 कोच में चेकिंग शुरू की।
चेकिंग के दौरान टीम ने एक यात्री पर ध्यान दिया जो काले रंग के पिट्ठू बैग के साथ संदिग्ध तरीके से बैठा था। जब उससे बैग के बारे में पूछा गया, तो उसने कहा कि उसमें केवल किताबें हैं। लेकिन उसके व्यवहार ने पुलिस का ध्यान खींचा। बैग खोलने पर 28 बंडल नोटों के मिले, जिनकी कुल राशि लगभग 70 लाख रुपए थी। इस विशाल रकम को देखकर टीम भी हैरान रह गई।
यात्री की पहचान श्यामसुंदर दास के रूप में हुई, जो दिल्ली के रेगरपुरा करोलबाग का निवासी है। हिरासत में लिए जाने के बाद उसने बताया कि यह बैग उसे दिल्ली के करोल बाग स्थित एक मंदिर में सेवक के रूप में काम करने वाले सुखदेव नायक ने दिया था।
उसे बताया गया था कि यह पैकेट कोलकाता पहुंचाना है, लेकिन वह यह नहीं बता सका कि पैसे किसके हैं, किसके लिए भेजे जा रहे हैं और असली मालिक कौन है।
इतनी बड़ी राशि मिलने के बाद पुलिस ने तुरंत आयकर विभाग को सूचित किया। अब आयकर अधिकारियों की टीम मामले की जांच करेगी कि यह रकम वैध है या किसी अवैध गतिविधि से जुड़ी हुई है।
फिलहाल आरपीएफ और जीआरपी संयुक्त रूप से पूरे मामले की जांच कर रही है। यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या यात्री केवल एक कूरियर था या उसके पास पैसे की असली जानकारी भी थी।