क्या जन सुरक्षा बिल से महाराष्ट्र में अर्बन नक्सल और माओवादी गतिविधियों पर अंकुश लगेगा?

सारांश
Key Takeaways
- जन सुरक्षा विधेयक का पारित होना आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करेगा।
- यह विधेयक अर्बन नक्सल और माओवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए लाया गया है।
- सरकार ने दुरुपयोग की चिंता को दूर करने का प्रयास किया है।
- नेताओं ने इस विधेयक के खिलाफ विधान परिषद में विरोध की योजना बनाई है।
- मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि कानून का दुरुपयोग नहीं होगा।
महाराष्ट्र, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में जन सुरक्षा विधेयक ध्वनिमत से राज्य विधानसभा में पारित किया गया है। इस विधेयक का उद्देश्य राज्य की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करना और संविधान विरोधी गतिविधियों पर रोक लगाना है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना (यूबीटी) नेता सचिन अहीर ने कहा कि यह बिल जन सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है और इससे अर्बन नक्सल व माओवादी गतिविधियों पर अंकुश लगेगा।
सचिन अहीर ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि जन सुरक्षा विधेयक आम जनता की सुरक्षा के लिए लाया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य अर्बन नक्सल और माओवादी गतिविधियों पर नियंत्रण करना है। लेकिन जब इसमें कुछ संगठनों के नाम सामने आए, तब हमने हस्तक्षेप कर स्पष्ट किया कि इस कानून का इस्तेमाल श्रमिक संगठनों या कामगार वर्ग के आंदोलनों के खिलाफ नहीं होना चाहिए। सरकार ने इस पर स्पष्टीकरण भी दिया। हालांकि, यह विधेयक विधानसभा में संख्या बल के आधार पर पारित किया गया है, लेकिन हम इसका विरोध विधान परिषद में मजबूती से करेंगे।
एनसीपी (एसपी) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि सरकार का कहना है कि कुछ लोग नक्सली गतिविधियों में शामिल हैं और उन्हें कानून के दायरे में लाने की आवश्यकता है। इसके लिए पहले से कई कानून मौजूद हैं, लेकिन सरकार अतिरिक्त प्रावधान लाने का इरादा रखती थी। मैं स्वयं इस जॉइंट कमेटी का सदस्य रहा हूँ और मैंने कई सुझाव दिए थे, जिनमें से कुछ को सरकार ने स्वीकार किया। इस विधेयक को पहले के मुकाबले कुछ हद तक नरम किया गया है।
पाटिल ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आश्वस्त किया है कि यह कानून किसी राजनीतिक पार्टी या किसानों के सामान्य विरोध-प्रदर्शनों के खिलाफ इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। उन्होंने प्रिंसिपल क्लॉज में बदलाव करने की सहमति दी थी और हम उसमें सफल भी हुए। सरकार ने कहा है कि इसका दुरुपयोग नहीं होगा और उनकी मंशा गलत नहीं है।
वहीं, कांग्रेस विधायक नाना पटोले ने कहा कि आज भी लोगों को जन सुरक्षा विधेयक पर संदेह है। कई लोगों ने इस विषय पर पत्र लिखा और संदेश भेजे हैं। एक बात स्पष्ट है कि जो मुद्दे लोगों के बीच थे, उन्हें मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है। मुख्यमंत्री ने जन सुरक्षा विधेयक के दुरुपयोग न होने का भरोसा दिया है। उम्मीद है कि विधानसभा में उन्होंने जो आश्वासन दिया है, उस पर वह कायम रहेंगे। इस विधेयक से नक्सली गतिविधियों पर लगाम लगाने में सहायता मिलेगी।