क्या जन्माष्टमी पर श्री कृष्ण के इन मंत्रों का जाप करने से हर इच्छा पूरी होगी?

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क्या जन्माष्टमी पर श्री कृष्ण के इन मंत्रों का जाप करने से हर इच्छा पूरी होगी?

सारांश

जन्माष्टमी पर भक्त श्री कृष्ण के अनेक मंत्रों का जाप करते हैं, जिससे सकारात्मकता का संचार होता है और इच्छाएं पूरी होती हैं। जानिए कौन से मंत्र आपकी जिंदगी में खुशियों और सुख-समृद्धि लाएंगे।

Key Takeaways

  • जन्माष्टमी पर भगवान श्री कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है।
  • मंत्रों का जाप सकारात्मकता लाता है।
  • आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए विशेष मंत्र हैं।
  • शादी से संबंधित समस्याओं का समाधान भी मंत्रों द्वारा किया जा सकता है।
  • गायत्री मंत्र से मानसिक शांति प्राप्त होती है।

मुंबई, 16 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भाद्रपद के कृष्ण मास की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इस अवसर पर भगवान के विभिन्न स्वरूपों जैसे शालिग्राम, लड्डू गोपाल और राधा-कृष्ण की विधिवत पूजा की जाती है, और कई भक्त उपवास भी रखते हैं। पूजा के दौरान, अनेक लोग मंत्रों का जाप करते हैं—ऐसे मंत्र जो जीवन में सकारात्मकता का संचार करते हैं और आस्थावान की हर इच्छा की पूर्ति करते हैं।

मंत्र 'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीनन्दनाय नमः' का जाप करने से आस-पास सकारात्मकता बनी रहती है। यह मंत्र धन-समृद्धि, संतान, सुख और जीवन में चल रही किसी भी प्रकार की बाधा से निकलने में सहायता करता है।

'कृं कृष्णाय नमः' मंत्र भगवान श्री कृष्ण का मूलमंत्र है; 'कृं' बीज मंत्र और 'कृष्णाय नमः' से मिलकर बना है। इस मंत्र का 108 बार जाप करने से जीवन में चल रही बाधाएं कम होने लगती हैं।

'गोकुल नाथाय नमः' मंत्र का जाप करने वाले साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

'क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः' मंत्र आर्थिक स्थिति को सुधारने में सहायक है और इसके जाप से साधक को संपूर्ण सिद्धियों की प्राप्ति होती है।

'ॐ नमो भगवते श्रीगोविन्दाय' मंत्र का जाप विवाह से संबंधित समस्याओं के समाधान में सहायक होता है। इसे प्रातः स्नान के बाद 108 बार जाप करने से चमत्कारी फल प्राप्त होता है।

'गोवल्लभाय स्वाहा' मंत्र में सात अक्षर होते हैं। यदि उच्चारण में कोई त्रुटि होती है, तो इस मंत्र का प्रभाव समाप्त हो जाता है। इस मंत्र के जाप से अपार धन प्राप्ति होती है।

कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः॥ यह भगवान श्रीकृष्ण के शक्तिशाली मंत्रों में से एक है। इस मंत्र के माध्यम से सभी प्रकार के क्लेशों का नाश करने की विनती की जाती है।

श्रीकृष्ण का गायत्री मंत्र भी विशेष लाभ देता है। 'ॐ देवकीनन्दनाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्णः प्रचोदयात्' का जाप भगवान की आराधना और कृपा प्राप्ति के लिए किया जाता है। इस मंत्र के जाप से भक्त को भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है, मन शांत रहता है, और जीवन में आवश्यक सुख-शांति का संचार होता है।

Point of View

बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। भक्तों का विश्वास और आस्था इस पर्व को खास बनाते हैं।
NationPress
16/08/2025

Frequently Asked Questions

जन्माष्टमी पर कौन से मंत्र का जाप करना चाहिए?
आप 'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीनन्दनाय नमः' और 'कृं कृष्णाय नमः' जैसे मंत्रों का जाप कर सकते हैं। ये मंत्र सकारात्मकता और समृद्धि लाने में सहायक होते हैं।
क्या मंत्रों का जाप करने से इच्छाएं पूरी होती हैं?
भक्तों का मानना है कि मंत्रों का जाप करने से उनकी इच्छाएं पूरी होती हैं, क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।