क्या जनता का जनादेश स्वीकार करेंगे? महागठबंधन असफल रहा: वारिस पठान
सारांश
Key Takeaways
- जनता का जनादेश सभी राजनीतिक दलों के लिए महत्वपूर्ण है।
- महागठबंधन की असफलता में आंतरिक मतभेदों का योगदान रहा।
- विस्फोट की घटना पर पारदर्शी जांच की आवश्यकता है।
- माइनॉरिटी वोटों का विभाजन एक गंभीर मुद्दा है।
- भाजपा को हराने के लिए एकजुटता की आवश्यकता है।
मुंबई, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों पर एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जनता ने जो जनादेश दिया है, उसे सभी राजनीतिक दलों को सम्मानपूर्वक स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने महागठबंधन को चुनावी रणनीति में असफल करार देते हुए कहा कि विपक्ष को भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर रणनीति बनानी चाहिए थी।
पठान ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि भाजपा को हराने के लिए महागठबंधन की एक ठोस रणनीति होनी चाहिए थी, लेकिन वे पूरी तरह से फेल रहे। महागठबंधन के भीतर ही कई मुद्दों को लेकर तकरार चल रही थी।
उन्होंने बताया कि एआईएमआईएम को महागठबंधन में शामिल होने का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन पार्टी ने सेकुलर वोटों के विभाजन को रोकने के लिए छह सीटों की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि महागठबंधन ने अहंकार के चलते उनकी बात नहीं मानी और अंततः एआईएमआईएम के वोट काटे, जिससे कई सीटों पर उनकी पार्टी को नुकसान हुआ।
पठान ने कहा कि महागठबंधन की वजह से माइनॉरिटी वोटों का विभाजन हुआ। अगर ऐसा नहीं होता तो हमारी पार्टी 15 सीटों तक जीत सकती थी। असली वोट कटवा महागठबंधन वाले हैं।
वारिस पठान ने नौगाम पुलिस स्टेशन में हुए विस्फोट की घटना पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह अत्यंत गंभीर और दुखद घटना है।
उन्होंने कहा कि 10 से अधिक लोगों की जान गई है और 20 से अधिक घायल हुए हैं। मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिवारों के साथ हैं। पुलिस स्टेशन के अंदर विस्फोटक रखा था तो उसकी सुरक्षा की क्या व्यवस्था थी? इसकी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।
उन्होंने सरकार से इस घटना की पारदर्शी जांच रिपोर्ट जनता के सामने लाने की मांग की।
बीएमसी चुनाव 2025 को लेकर वारिस पठान ने कहा कि अभी यह बताना उचित नहीं है कि एआईएमआईएम कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, किन क्षेत्रों से उम्मीदवार उतारे जाएंगे या किस दल के साथ गठबंधन होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी इस विषय पर समय आने पर फैसला करेगी।