क्या जनता के मुद्दे उठाना जननायक की पहचान है? - आलोक शर्मा

सारांश
Key Takeaways
- आलोक शर्मा ने भाजपा को खलनायक कहा है।
- राहुल गांधी को जननायक कहा गया।
- चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए गए।
- मोहन भागवत के बयान को लेकर भी आलोचना हुई।
पटना, ६ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा ने भाजपा सरकार पर कड़ा हमला किया है। उनका कहना है कि असली नेता वही होता है जो जनता के मुद्दों को सीधे तौर पर उठाता है। इसके विपरीत, जो इन मुद्दों को दबाने की कोशिश करते हैं, वे खलनायक होते हैं। आलोक शर्मा ने स्पष्ट रूप से कहा, "भाजपा खलनायक है, क्योंकि वह जनता से जुड़े सभी महत्वपूर्ण मुद्दों को दबाना चाहती है।"
आलोक शर्मा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्हें जननायक के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, "जननायक की परिभाषा बहुत स्पष्ट है। जो जनता के मुद्दों को उठाता है वही जननायक होता है। वहीं जो जनता के मुद्दों को दबाने की कोशिश करता है, वह खलनायक कहलाता है। राहुल गांधी इन मुद्दों को बेबाकी से उठाते हैं, इसलिए वे जननायक हैं। वहीं भाजपा लगातार जनता के मुद्दों को दबाने में लगी हुई है।"
बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा पर भी आलोक शर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "लोकतंत्र का यह उत्सव सभी के लिए खुशी का विषय है कि चुनावी तारीखों का ऐलान होगा, लेकिन चुनाव आयोग बार-बार अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहा है। रविवार को संवाददाता सम्मेलन में चुनाव आयोग ने मीडिया के कई सवालों का जवाब नहीं दिया। हमारा सवाल अभी भी कायम है कि कितने घुसपैठिए पाए गए हैं। चुनाव आयोग ने २२ लाख मृतक वोटरों का दावा किया है, साथ ही लाखों वोट काटे जाने का भी उल्लेख किया है। लेकिन इन सभी के संबंध में अलग-अलग सूचियां अभी तक जारी नहीं की गई हैं।"
आलोक शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि चुनाव आयोग निष्पक्ष रहने के बजाय एक पक्ष की सहायता करता नजर आ रहा है।
इसके अलावा, सरसंघचालक मोहन भागवत के एक बयान को लेकर भी उन्होंने सवाल उठाए। आलोक शर्मा ने कहा, "मुझे लगता है कि जुमलेबाजी हो रही है ताकि बड़े मुद्दों से जनता का ध्यान हटाया जा सके। यह सब एक तरह का ध्यान भटकाने का हथकंडा है।"
उन्होंने आरएसएस पर भी सवाल उठाते हुए कहा, "मोहन भागवत सबसे पहले आरएसएस का पंजीकरण कराएं और बताएं कि दिल्ली में बने मुख्यालय पर खर्च हुए सैकड़ों करोड़ रुपए कहां से आए।"