क्या जनवरी 2025 से अब तक 1,703 भारतीयों को अमेरिका से डिपोर्ट किया गया?

सारांश
Key Takeaways
- 1,703 भारतीय नागरिकों को अमेरिका से डिपोर्ट किया गया है।
- सबसे अधिक लोग पंजाब से हैं।
- भारत सरकार ने नागरिकों के साथ किए गए बर्ताव पर चिंता जताई है।
- वीजा प्रोसेसिंग में देरी सुरक्षा कारणों से हुई है।
- आपातकालीन मदद के लिए भारतीय समुदाय कल्याण कोष की व्यवस्था है।
नई दिल्ली, 1 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने शुक्रवार को लोकसभा में खुलासा किया कि 20 जनवरी से 22 जुलाई 2025 के बीच कुल 1,703 भारतीय नागरिकों को अमेरिका से वापस भेजा गया है। इसमें 1,562 पुरुष और 141 महिलाएं शामिल हैं। सबसे अधिक संख्या में 620 लोग पंजाब से, 604 हरियाणा से, 245 गुजरात से, और 38 उत्तर प्रदेश से वापस भेजे गए।
अमेरिका की कस्टम्स और बॉर्डर प्रोटेक्शन एजेंसी, यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (आईसीई), और डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (डीएचएस) के माध्यम से इन लोगों को वापस भेजा गया। कुछ भारतीय नागरिकों को पनामा और अमेरिका से कमर्शियल फ्लाइट्स के जरिए भी वापस लाया गया।
सांसद कनिमोझी करुणानिधि के एक सवाल के जवाब में, कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि भारतीय सरकार ने अमेरिका के सामने उन भारतीयों के साथ किए गए बर्ताव को लेकर चिंता प्रकट की है। उन्होंने कहा, "विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों पर हथकड़ी लगाने और सांस्कृतिक संवेदनाओं, जैसे कि पगड़ी और भोजन संबंधी जरूरतों को नजरअंदाज करने पर सरकार ने चिंता जताई।"
हालांकि, मंत्री ने यह भी बताया कि 5 फरवरी 2025 के बाद से इस तरह की कोई नई शिकायत दर्ज नहीं की गई है।
कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि 'एफ', 'एम', और 'जे' वीजा कैटेगरी में देरी और कठिनाइयों को लेकर सरकार को कई छात्रों और अभिभावकों की शिकायतें मिली थीं। भारत ने इस मुद्दे को अमेरिकी दूतावास और विदेश विभाग के साथ उठाया।
अमेरिका ने उत्तर में कहा कि सुरक्षा संबंधी उपायों के कारण वीजा प्रोसेसिंग में देरी हो रही थी, लेकिन अब अपॉइंटमेंट्स फिर से शुरू हो गई हैं।
भारत सरकार अमेरिका में मौजूद भारतीय छात्रों और प्रवासियों की स्थिति की लगातार निगरानी कर रही है। इसके लिए दूतावासों में विशेष अधिकारी और 'एमएडीएडी' पोर्टल पर शिकायतों का तुरंत समाधान किया जा रहा है।
जरूरत पड़ने पर भारतीय समुदाय को भारतीय समुदाय कल्याण कोष के तहत आपातकालीन मदद भी प्रदान की जा रही है।