क्या जॉ फ्रैक्चर क्लिप ने मर्डर मिस्ट्री को सुलझाया? दोस्त निकला हत्यारा

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क्या जॉ फ्रैक्चर क्लिप ने मर्डर मिस्ट्री को सुलझाया? दोस्त निकला हत्यारा

सारांश

महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में एक जॉ फ्रैक्चर क्लिप ने एक जटिल हत्या की गुत्थी को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई। पुलिस ने इस सुराग के जरिए न केवल मृतक की पहचान की, बल्कि उसके हत्यारे को भी पकड़ लिया। जानिए इस सनसनीखेज मामले की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • जॉ फ्रैक्चर क्लिप ने हत्या की पहचान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों का सही उपयोग किया।
  • आपराधिक विवाद के चलते हत्या की गई।
  • शव की पहचान में चिकित्सा रिकॉर्ड की अहमियत।
  • जल्द कार्रवाई से आरोपी को पकड़ने में सफलता मिली।

छत्रपति संभाजीनगर, 14 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले के कन्नड तहसील में एक सनसनीखेज हत्या के मामले ने पुलिस को हैरान कर दिया। गौताला जंगल की 100 फीट गहरी खाई में मिली सिर कटी लाश की पहचान एक पहेली बनी हुई थी, लेकिन एक छोटी सी जॉ फ्रैक्चर क्लिप ने इस गुत्थी को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस सुराग के माध्यम से पुलिस ने न केवल मृतक की पहचान की, बल्कि हत्यारे को भी सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।

पुलिस ने बताया कि 3 सितंबर को उन्हें सूचना मिली कि गौताला जंगल में एक शव पड़ा है। मौके पर पहुंची पुलिस ने देखा कि शव पूरी तरह सड़ा हुआ था और सिर धड़ से अलग था। थोड़ी दूरी पर कटा हुआ सिर भी बरामद हुआ। शव की स्थिति ऐसी थी कि पहचान करना असंभव लग रहा था। तभी जांच के दौरान मृतक के जबड़े में लगी एक मेटल क्लिप पुलिस के लिए बड़ा सुराग बन गई। यह जॉ फ्रैक्चर क्लिप थी, जो मेडिकल हिस्ट्री से जोड़कर मृतक की पहचान का रास्ता खोलने वाली थी।

पुलिस ने अस्पताल के रिकॉर्ड खंगाले, जहां पता चला कि जुलाई 2023 में एक युवक के जबड़े में एक्सीडेंट के बाद यह क्लिप लगाई गई थी। रिकॉर्ड के आधार पर शव की पहचान 28 वर्षीय निलेश सूर्यवंशी, निवासी चालीसगांव, के रूप में हुई। निलेश कई दिनों से लापता था और उसकी गुमशुदगी का मामला पहले से दर्ज था। मेडिकल हिस्ट्री और क्लिप के मिलान से यह पुष्टि हुई कि जंगल में मिला शव निलेश का ही है।

जांच को आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने निलेश के दोस्त श्रवण धनगर पर शक जताया। हिरासत में लेने के बाद सख्त पूछताछ में श्रवण ने हत्या की बात कबूल कर ली। उसने बताया कि निलेश और उसके बीच आपसी विवाद चल रहा था। धमकियों से तंग आकर श्रवण ने हत्या की योजना बनाई। उसने निलेश को जंगल में बुलाया, जहां कहासुनी के बाद कुल्हाड़ी से हमला कर उसे मार डाला। इसके बाद सिर को धड़ से अलग कर शव को खाई में फेंक दिया। तीन दिन बाद शव से बदबू फैलने पर स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी।

पुलिस अधीक्षक विनय कुमार राठौड़ ने बताया, "आरोपी और मृतक दोस्त थे, लेकिन विवाद के चलते हत्या हुई। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और जांच जारी है।"

Point of View

बल्कि यह भी दर्शाता है कि अपराध में तकनीकी और चिकित्सा साक्ष्य कितने महत्वपूर्ण हो सकते हैं। पुलिस की कार्यवाही और साक्ष्यों का सही विश्लेषण इस मामले को सुलझाने में मददगार साबित हुआ।
NationPress
14/09/2025

Frequently Asked Questions

मृतक की पहचान कैसे हुई?
मृतक की पहचान जॉ फ्रैक्चर क्लिप के जरिए हुई, जो एक अस्पताल के रिकॉर्ड से जोड़ी गई।
क्या हत्या का कारण आपसी विवाद था?
जी हां, हत्या का कारण मृतक और आरोपी के बीच का आपसी विवाद था।
पुलिस ने आरोपी को कब गिरफ्तार किया?
आरोपी को पुलिस ने हिरासत में लेने के बाद सख्त पूछताछ में गिरफ्तार किया।
क्या मृतक की गुमशुदगी की रिपोर्ट पहले से थी?
हां, मृतक की गुमशुदगी की रिपोर्ट पहले से दर्ज थी।
इस मामले में पुलिस की कार्रवाई कैसी रही?
पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर हत्या के मामले को सुलझाया।