क्या एसआईआर प्रक्रिया पर जेडीयू नेता केसी त्यागी का समर्थन सही है?
सारांश
Key Takeaways
- एसआईआर प्रक्रिया चुनाव आयोग की एक महत्वपूर्ण गतिविधि है।
- राज्यों को चुनाव आयोग के साथ सहयोग करना चाहिए।
- नीतीश कुमार का स्वास्थ्य विपक्ष के आरोपों से बेहतर है।
- वक्फ कानून केंद्रीय प्रावधान है।
- राजनीतिक बयानबाजी से कोई मुख्यमंत्री नहीं बनता।
नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने चुनाव आयोग द्वारा 12 राज्यों में शुरू की गई एसआईआर प्रक्रिया का स्वागत किया है। उन्होंने बताया कि यह चुनाव आयोग की नियमित और आवश्यक प्रक्रिया है, जिसमें मृतकों के नाम मतदाता सूची से हटाए जाते हैं और 18 वर्ष पूरा करने वाले नए मतदाताओं के नाम जोड़े जाते हैं।
त्यागी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, “यह पहली बार नहीं किया जा रहा है। चुनाव आयोग की यह कार्रवाई पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है।”
उन्होंने सभी राज्यों को आयोग के साथ सहयोग करने की सलाह दी। अगर किसी को आपत्ति है तो उसे स्थानीय स्तर पर बीएलओ के पास समय रहते दर्ज कराना चाहिए। साथ ही, उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को निष्पक्ष और पारदर्शी रहना चाहिए तथा विपक्षी दलों के साथ समन्वय बनाना चाहिए।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर विपक्षी दलों द्वारा की जा रही टिप्पणियों पर केसी त्यागी ने तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार का स्वास्थ्य लालू प्रसाद यादव और सोनिया गांधी से दस गुना बेहतर है। विपक्ष सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए इस मुद्दे को उठा रहा है।”
राजद नेता तेजस्वी यादव के वक्फ कानून पर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए त्यागी ने कहा कि तेजस्वी यादव को शायद संविधान और शासन व्यवस्था की जानकारी नहीं है।
उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों को राज्य सरकारें रद्द नहीं कर सकतीं। वक्फ कानून एक केंद्रीय प्रावधान है और इसे केंद्र सरकार के निर्देशानुसार लागू किया गया है।”
तेजस्वी यादव के सीएम फेस के फैसले पर तेज प्रताप यादव द्वारा दिए गए 'मुख्यमंत्री जनता तय करेगी' वाले बयान पर केसी त्यागी ने कहा, “मैं तेज प्रताप यादव से सहमत हूं। चुनाव के बाद सबसे ज्यादा विधायकों वाला गठबंधन ही मुख्यमंत्री चुनेगा। सिर्फ बयानों से कोई मुख्यमंत्री नहीं बनता।”
अभिनेता सलमान खान द्वारा बलूचिस्तान के मुद्दे पर दिए गए बयान का समर्थन करते हुए केसी त्यागी ने कहा, “भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय बलूचिस्तान का पाकिस्तान में विलय नहीं हुआ था। 1948 में पाकिस्तान ने अपनी सेना का दुरुपयोग करके इसे जबरन कब्जे में ले लिया था।”
उन्होंने कहा, “मैं सलमान खान के बयान से सहमत हूं। उन्हें आतंकी कहना पाकिस्तान की अपनी कमजोरी छिपाने का तरीका है।”