क्या जेवर एयरपोर्ट से एल्युमीनियम केबल चोरी का मामला सामने आया है? चार गिरफ्तार!
Key Takeaways
- जेवर एयरपोर्ट से बड़ी मात्रा में केबल चोरी हुई है।
- गिरोह में एक साइट इंजीनियर शामिल है।
- पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
- 15 लाख रुपए कीमत के केबल बरामद किए गए हैं।
- पुलिस अब अन्य संदिग्ध कर्मचारियों की जांच कर रही है।
ग्रेटर नोएडा, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। निर्माणाधीन नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर से बड़ी मात्रा में एल्युमीनियम केबल चोरी कर कबाड़ में बेचने वाले गिरोह का इकोटेक प्रथम थाने की पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। पुलिस ने इस गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से लगभग 15 लाख रुपए मूल्य के 7 बंडल एल्युमीनियम केबल, एक फर्जी नंबर प्लेट वाला टाटा कैंटर और एक मारुति स्विफ्ट कार बरामद की गई है।
चौंकाने वाली बात यह है कि इस चोरी में एक कंपनी का साइट इंजीनियर भी शामिल है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, इकोटेक प्रथम थाने की पुलिस टीम रात के समय जीबीयू चौराहे पर वाहन चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान दनकौर की ओर से एक टाटा कैंटर और उसके पीछे चल रही स्विफ्ट कार आने लगी। जब पुलिस ने इन वाहनों को रुकने का इशारा किया तो दोनों वाहन के चालक भागने का प्रयास करने लगे।
पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए अपनी गाड़ी आगे लगाकर दोनों वाहनों को रोक लिया। जांच में कैंटर पर फर्जी नंबर प्लेट लगी हुई मिली। वाहन की तलाशी के दौरान 7 बंडल एल्युमीनियम के काले और पीले मोटे केबल मिले। पूछताछ में ड्राइवर ने बताया कि ये केबल निर्माणाधीन जेवर एयरपोर्ट से चोरी किए गए हैं और इसमें एयरपोर्ट से जुड़े कर्मचारी भी शामिल हैं।
गिरफ्तार आरोपियों में शिवम शर्मा, निवासी लालपुर, टप्पल, अलीगढ़ (उम्र 22 वर्ष)—एक कंपनी में साइट इंजीनियर, इरशाद अहमद, निवासी टिकरिया, सिद्धार्थनगर (उम्र 23 वर्ष)—कैंटर चालक, मोहम्मद सिराज, निवासी टिकरिया, सिद्धार्थनगर (उम्र 21 वर्ष)—कैंटर हेल्पर, और इजहार उर्फ सोनू, निवासी टिकरिया, सिद्धार्थनगर, हाल निवासी सोनिया विहार, दिल्ली (उम्र 26 वर्ष)—कबाड़ी शामिल हैं। इनसे पुलिस को 7 बंडल एल्युमीनियम केबल (मूल्य लगभग 15 लाख), एक फर्जी नंबर प्लेट वाला टाटा कैंटर, और एक मारुति स्विफ्ट कार बरामद हुई है।
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह एयरपोर्ट निर्माण स्थल पर लगे नए केबलों को योजनाबद्ध तरीके से चोरी कर कबाड़ी के माध्यम से बेच रहा था। पुलिस अब इस मामले में एयरपोर्ट साइट पर कार्यरत अन्य संदिग्ध कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है।