क्या झारखंड में पांच लाख का इनामी नक्सली कमांडर गिरफ्तार हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- फिरोज अंसारी की गिरफ्तारी नक्सलवाद के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है।
- पुलिस की सक्रियता से नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सकता है।
- नक्सलियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जरूरत है।
- सामाजिक सुरक्षा के लिए पुलिस को समर्थन देना आवश्यक है।
- नक्सलवाद के मुद्दे पर जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है।
रांची, २४ जून (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के गुमला जिले की पुलिस ने प्रतिबंधित संगठन जेजेएमपी (झारखंड जनमुक्ति परिषद) के पांच लाख रुपये के इनामी नक्सली फिरोज अंसारी को जंगल में एक मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया है।
उसके पास से एक 303 रायफल, 200 राउंड कारतूस, 7.62 एमएम के 150 कारतूस, तीन स्मार्टफोन, दो कीपैड फोन, दो डायरी, एक मोबाइल चार्जर, इंटरनेट का राउटर और एक पिट्ठू बैग बरामद किया गया है।
गुमला के एसपी हारिस बिन जमां ने मंगलवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नक्सली संगठन में फिरोज का ओहदा सब जोनल कमांडर था। उसके खिलाफ पुलिस फाइल में ११ मामले दर्ज हैं।
एसपी के अनुसार, उन्हें सूचना मिली थी कि बिशुनपुर थाना क्षेत्र के घाघरा जंगल में जेजेएमपी के सुप्रीमो रवींद्र यादव हथियारबंद दस्ते के साथ जमा है और किसी बड़ी आपराधिक घटना को अंजाम देने की योजना बना रहा है। इस सूचना के आधार पर, उन्होंने गुमला के एसडीपीओ सुरेश प्रसाद के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई।
टीम ने घाघरा जंगल में सर्च ऑपरेशन शुरू किया, जहां कुछ लोग हथियारों के साथ दिखाई दिए। पुलिस को देखकर वे भागने लगे, लेकिन पुलिस ने उन्हें खदेड़ा और एक को पकड़ने में सफलता पाई, जिसकी पहचान फिरोज अंसारी के रूप में हुई। 35 वर्षीय फिरोज अंसारी लोहरदगा के जोबांग थाना क्षेत्र के रूबेद गांव का निवासी है।
फिरोज अंसारी इससे पहले भाकपा माओवादी नक्सली संगठन से भी जुड़ा रहा है और वह पूर्व में दो साल जेल में भी रह चुका है। उसे गिरफ्तार करने वाली टीम में सर्किल इंस्पेक्टर विनय कुमार, बिशुनपुर थाना प्रभारी राकेश कुमार सिंह, घाघरा थाना प्रभारी पुनीत मिंज, एसआई तरूण कुमार, मो. जहांगीर और अन्य शामिल थे।
इससे पहले १८ जून को इसी नक्सली संगठन के एक सब जोनल कमांडर बैजनाथ सिंह ने लातेहार जिला पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था।