क्या झारखंड में हजारीबाग में 'पालना' योजना ने कामकाजी महिलाओं को राहत दी?

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क्या झारखंड में हजारीबाग में 'पालना' योजना ने कामकाजी महिलाओं को राहत दी?

सारांश

हजारीबाग में 'पालना' योजना का शुभारंभ हुआ है, जो कामकाजी महिलाओं को बच्चों की देखभाल के लिए राहत प्रदान करती है। यह योजना बच्चों के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है।

Key Takeaways

  • पालना योजना महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है।
  • यह योजना बच्चों के विकास को प्राथमिकता देती है।
  • हजारीबाग में 32 क्रेच केंद्र खोले जाएंगे।

हजारीबाग, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय क्रेच योजना, जिसे अब मिशन शक्ति के अंतर्गत ‘पालना’ योजना के नाम से जाना जाता है, का लाभ अब हजारीबाग जिले में भी मिलने लगा है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की निदेशक आराधना पटनायक ने बुधवार को हजारीबाग पहुंचकर इस योजना का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर आराधना पटनायक ने कहा कि अब कामकाजी महिलाओं को अपने छोटे बच्चों की देखभाल को लेकर चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। यह योजना सरकार की एक सराहनीय पहल है, जिससे महिलाओं को अपने कार्यस्थल पर बेहतर योगदान देने का अवसर मिलेगा, वहीं बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

‘पालना’ योजना के तहत 6 महीने से 6 साल तक के बच्चों के लिए दिन में सुरक्षित और पोषणयुक्त देखभाल की सुविधा प्रदान की जाएगी। इस योजना का उद्देश्य बच्चों के समग्र विकास, स्वास्थ्य देखभाल, और शैक्षिक तैयारी को बढ़ावा देना है, ताकि माताएं अपने कार्य पर ध्यान केंद्रित कर सकें और बच्चों को घर जैसा माहौल मिल सके।

हजारीबाग में इस योजना के तहत 32 क्रेच केंद्र स्थापित करने की योजना है। पहला केंद्र समाज कल्याण विभाग के कार्यालय परिसर में खोला गया है।

समाज कल्याण पदाधिकारी शिप्रा सिंह ने बताया कि यह केंद्र बच्चों को घर जैसा माहौल देगा। यहां उनके खानपान, स्वास्थ्य और शिक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा। कामकाजी महिलाएं निश्चिंत होकर दफ्तर जा सकेंगी।

अतिरिक्त सचिव आराधना पटनायक ने बताया कि यह व्यवस्था जिला प्रशासन से मिलने आने वाले लोगों, खासकर महिलाओं के लिए उपयोगी साबित होगी। अक्सर महिलाएं छोटे बच्चों को साथ लाती हैं। अब उनके लिए दूध पिलाने और बच्चों के खेलने की उत्तम सुविधा उपलब्ध होगी।

हजारीबाग के अलावा बड़कागांव और केरेडारी में भी जल्द ही शिशु पालना गृह खोले जाएंगे। इससे जिले की कामकाजी महिलाओं को अपने बच्चों की सुरक्षा और देखभाल की चिंता से मुक्ति मिलेगी।

संगीता कुमारी ने बताया कि जब हम नौकरी पर जाते हैं और बच्चा घर पर अकेला रहता है तो मन में कई तरह की चिंताएं होती हैं। इस पालना गृह से बहुत राहत मिलेगी। यह कामकाजी महिलाओं के लिए एक बेहद कारगर कदम है।

Point of View

उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा। यह सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है जो महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक कदम है।
NationPress
15/10/2025

Frequently Asked Questions

पालना योजना का उद्देश्य क्या है?
इस योजना का उद्देश्य बच्चों के समग्र विकास, स्वास्थ्य देखभाल, और शैक्षिक तैयारी को बढ़ावा देना है।
इस योजना के तहत कितने क्रेच केंद्र स्थापित किए जाएंगे?
हजारीबाग में इस योजना के तहत 32 क्रेच केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
क्या कामकाजी महिलाएं इस योजना से लाभ उठा सकेंगी?
हाँ, यह योजना कामकाजी महिलाओं को अपने बच्चों की देखभाल से राहत प्रदान करती है।