क्या झारखंड के चाईबासा में डायरिया से मौतें बढ़ सकती हैं?

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क्या झारखंड के चाईबासा में डायरिया से मौतें बढ़ सकती हैं?

सारांश

झारखंड के चाईबासा में डायरिया के चलते हालात गंभीर हो गए हैं। यहां पांच लोगों की मौत हो चुकी है और 20 से ज्यादा लोग बीमार हैं। विधायक ने स्वास्थ्य विभाग को आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है। जानें इस गंभीर समस्या के पीछे क्या कारण हैं और लोग क्या कर रहे हैं?

Key Takeaways

  • डायरिया से पांच लोग मृत, 20 बीमार।
  • स्वास्थ्य विभाग ने उपाय किए।
  • दूषित पानी से फैल रहा संक्रमण।
  • स्थानीय विधायक ने स्थिति का आकलन किया।
  • स्वच्छता की सलाह दी जा रही है।

चाईबासा, 12 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिला के नोवामुंडी प्रखंड के कई गांवों में डायरिया ने तबाही मचा रखी है। पिछले सप्ताह इस बीमारी के कारण कादोजामदा और मोहदी पंचायत में पांच लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 20 से ज्यादा लोग बीमार हैं।

बीमारी के फैलने की जानकारी मिलते ही जिला के सिविल सर्जन ने प्रभावित गांवों में मेडिकल टीमें भेजी हैं। 10 से अधिक लोगों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र के झामुमो विधायक सोनाराम सिंकू ने भी प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया है।

उन्होंने बताया कि बीमार लोगों के इलाज और बीमारी की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को तुरंत आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।

सूत्रों के अनुसार कादोजामदा, पादापहाड़, मोहदी और मुंडासाई गांवों में पिछले कुछ दिनों से डायरिया के मामले बढ़ते जा रहे थे, लेकिन शुरूआत में स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी नहीं थी। लोग घरेलू उपचार में लगे रहे, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। जब हालात नियंत्रण से बाहर होने लगे, तब पंचायत समिति सदस्य मंजू पूर्ति ने स्थानीय विधायक को सूचित किया।

जानकारी मिलने पर विधायक ने सिविल सर्जन डॉ. सुशांतो कुमार माझी को तुरंत चिकित्सा दल भेजने और प्रभावित गांवों में स्वास्थ्य शिविर लगाने का निर्देश दिया।

विधायक ने चेतावनी दी कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। टाटा स्टील के नोवामुंडी स्थित अस्पताल में भी डायरिया के मरीजों के लिए विशेष वार्ड तैयार किया गया है। अब तक लगभग 10 मरीज अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं, जिनमें से चार से पांच की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। इन्हें आईसीयू में रखा गया है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कई दिनों से गांवों में दूषित पानी की समस्या बनी हुई है। बारिश के बाद जल स्रोतों में गंदगी बढ़ गई है, जिससे संक्रमण फैलने की आशंका जताई जा रही है।

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पानी के सैंपल लेकर जांच शुरू कर दी है और स्वच्छता की स्थिति का आकलन किया जा रहा है। ग्रामीणों को उबला हुआ पानी पीने, हाथ धोने और साफ-सफाई बनाए रखने की सलाह दी जा रही है।

Point of View

बल्कि हमारे देश के स्वास्थ्य ढांचे पर भी इसका गहरा असर पड़ता है।
NationPress
12/10/2025

Frequently Asked Questions

डायरिया से कैसे बचा जा सकता है?
उबला हुआ पानी पीने, हाथ धोने और स्वच्छता बनाए रखने से डायरिया से बचा जा सकता है।
डायरिया के लक्षण क्या हैं?
डायरिया के प्रमुख लक्षणों में दस्त, पेट दर्द, और निर्जलीकरण शामिल हैं।