क्या पश्चिमी दिल्ली में 'जनरल गश्त' अभियान से अपराधियों में डर पैदा हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- रात की गश्त से सुरक्षा को बढ़ावा मिला।
- 8 अपराधियों की गिरफ्तारी हुई।
- अवैध हथियारों और शराब का खुलासा हुआ।
- 856 पुलिसकर्मियों ने अभियान में भाग लिया।
- पुलिस की सक्रियता से सुरक्षा का माहौल बनाया गया।
नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पुलिस की पश्चिमी जिला यूनिट ने शनिवार से रविवार की मध्यरात्रि में 'जनरल गश्त' अभियान के तहत एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन किया। यह अभियान आधी रात 12 बजे से सुबह 4 बजे तक चला, जिसमें चोरी के वाहन, अवैध हथियार और अवैध शराब बरामद की गई। इस दौरान 8 अपराधियों को भी गिरफ्तार किया गया।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य रात में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, अपराधियों में डर पैदा करना और सार्वजनिक स्थानों पर पुलिस की उपस्थिति को बढ़ाना था।
यह अभियान पश्चिमी जिला उपायुक्त (डीसीपी) दराड़े शरद भास्कर के नेतृत्व में चलाया गया।
इस ऑपरेशन में 7 देसी पिस्तौल, 7 स्कूटी और मोटरसाइकिल के साथ-साथ 4,804 क्वार्टर (करीब 98 कार्टन) शराब बरामद की गई।
इस गश्त में कुल 856 पुलिसकर्मी और अधिकारी तैनात रहे। 12 थानों (मायापुरी, नारायणा, इंदरपुरी, पंजाबी बाग, मोती नगर, कीर्ति नगर, राजौरी गार्डन, हरी नगर, जनकपुरी, तिलक नगर, विकासपुरी और ख्याला) की टीमों के साथ स्पेशल स्टाफ, एएटीएस, एंटी नारकोटिक्स सेल और जिला लाइन के अधिकारी भी शामिल रहे।
सभी थाना क्षेत्रों में 60 से अधिक गश्त और सघन जांच अभियान चलाए गए। महिला और पुरुष पुलिसकर्मियों ने सड़कों पर मुस्तैदी से निगरानी की।
इस अभियान में 1 डीसीपी, 2 एडिशनल डीसीपी, 5 एसीपी, 27 इंस्पेक्टर, 69 सब-इंस्पेक्टर, 470 होम गार्ड, 47 बाइक, 12 इमरजेंसी रिस्पॉन्स व्हीकल्स और 1 क्यूआरटी का सहयोग लिया गया।
डीसीपी शरद भास्कर ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य रात के समय आम नागरिकों को सुरक्षा का अहसास कराना और अपराधियों पर नकेल कसना था। 'जनरल गश्त' के माध्यम से दिल्ली पुलिस ने यह संदेश दिया है कि अपराधियों के लिए कोई स्थान नहीं है और जनता की सुरक्षा सर्वोपरि है।