क्या झारखंड के रांची और दुमका स्थित राजभवन का नाम अब ‘लोक भवन’ हो गया?

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क्या झारखंड के रांची और दुमका स्थित राजभवन का नाम अब ‘लोक भवन’ हो गया?

सारांश

झारखंड में रांची और दुमका स्थित राजभवन का नाम अब आधिकारिक रूप से 'लोक भवन' रखा गया है। यह बदलाव राज्यपाल के आदेश के तहत लागू हुआ है। यह परिवर्तन न केवल प्रशासनिक है, बल्कि सांस्कृतिक और नैतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। जानिए इस बदलाव के पीछे के कारण और इसके महत्व के बारे में।

Key Takeaways

  • रांची और दुमका के राजभवन का नाम 'लोक भवन' रखा गया है।
  • यह परिवर्तन औपनिवेशिक मानसिकता को दूर करने का प्रतीक है।
  • सभी राज्यों के राजभवनों का नाम 'लोक भवन' रखा जाएगा।
  • यह बदलाव सेवा-आधारित गवर्नेंस को प्रोत्साहित करता है।
  • राज्यपाल के आदेश पर यह निर्णय लिया गया है।

रांची, ३ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड की राजधानी रांची और उप-राजधानी दुमका में स्थित राजभवन का नाम अब आधिकारिक रूप से ‘लोक भवन’ कर दिया गया है। राज्यपाल सचिवालय, झारखंड द्वारा ३ दिसंबर को इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की गई, जिससे यह बदलाव तुरंत प्रभाव से लागू हो गया।

राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार के आदेश पर अपर मुख्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी के हस्ताक्षर से जारी की गई अधिसूचना में बताया गया है कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय से प्राप्त निर्देशों के अनुसार दोनों राजभवनों का नाम बदला गया है। अधिसूचना की प्रतियां भारत सरकार, राज्य के मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव, मुख्य सचिव सहित कई प्रमुख अधिकारियों और संस्थानों को आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजी गई हैं।

केंद्र सरकार के हालिया निर्णय के अनुसार, प्रधानमंत्री कार्यालय का नाम ‘सेवा तीर्थ’ रखा गया है, जबकि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के राजभवनों का नाम ‘लोक भवन’ दिया जा रहा है। केंद्र ने कहा है कि यह बदलाव देश के सार्वजनिक संस्थानों में सत्ता की पारंपरिक अवधारणाओं से सेवा-आधारित गवर्नेंस मॉडल की ओर बढ़ने का प्रतीक है। यह परिवर्तन केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और नैतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

गृह मंत्रालय ने पिछले वर्ष हुए राज्यपालों के सम्मेलन की चर्चा का हवाला देते हुए कहा कि ‘राजभवन’ शब्द औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है, इसलिए इसे बदलकर ऐसा नाम दिया जा रहा है जो भारतीय मूल्यों, जनसेवा और लोकतांत्रिक भावना को बेहतर तरीके से परिभाषित करे।

अब राज्यपालों और उपराज्यपालों के आवास और कार्यालय ‘लोक भवन’ और ‘लोक निवास’ जैसे नामों से पहचाने जाएंगे। इसके साथ ही झारखंड भी इस नए बदलाव का हिस्सा बन गया है और रांची तथा दुमका स्थित दोनों राजभवनों का नाम आधिकारिक रूप से ‘लोक भवन’ हो गया है।

Point of View

NationPress
10/12/2025

Frequently Asked Questions

राजभवन का नाम क्यों बदला गया?
राजभवन का नाम औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाने वाले 'राजभवन' शब्द को बदलकर भारतीय मूल्यों के अनुरूप 'लोक भवन' रखा गया है।
क्या यह बदलाव अन्य राज्यों में भी लागू होगा?
हां, केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के राजभवनों का नाम 'लोक भवन' रखने का निर्णय लिया है।
इस बदलाव का महत्व क्या है?
यह बदलाव सेवा-आधारित गवर्नेंस को दर्शाता है और यह सांस्कृतिक, नैतिक और प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
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