क्या झारखंड की कोयला खदानों की भूमि राज्य को वापस की जाएगी?
सारांश
Key Takeaways
- झारखंड में कोयला खदानों का पुनर्वास महत्वपूर्ण है।
- अवैध खनन पर रोक लगाने के उपायों की आवश्यकता।
- स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ने की जरूरत।
- केंद्र और राज्य के बीच बेहतर समन्वय से समस्याओं का समाधान।
- झरिया मास्टर प्लान का प्रभावी कार्यान्वयन आवश्यक।
रांची, 24 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय खान एवं कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने बुधवार शाम झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उनके आवासीय कार्यालय में मुलाकात की। दोनों के बीच झारखंड में कोल माइंस से जुड़े जटिल मुद्दों के समाधान पर लंबी वार्ता हुई।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जिन कोयला खदानों में खनन कार्य पूरा हो चुका है, उन क्षेत्रों की जमीन जल्द राज्य को लौटाई जानी चाहिए।
उन्होंने अवैध खनन पर रोक के लिए सख्ती की जरूरत और खनन क्षेत्रों में स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ने जैसे मुद्दों पर केंद्रीय मंत्री का ध्यान आकृष्ट कराया। इस बैठक में राज्य सरकार, कोयला मंत्रालय और कोल इंडिया की अनुषंगी इकाइयों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
कोयला मंत्री ने नई कोल परियोजनाओं के संचालन और इनमें आ रही दिक्कतों पर भी चर्चा की और इनके समाधान में राज्य सरकार से सहयोग की अपील की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य के बीच बेहतर समन्वय से ही इन समस्याओं का समाधान निकलेगा। बैठक में कोल माइंस के लिए भूमि अधिग्रहण पर चर्चा हुई। रैयतों को मुआवजा और नौकरी देने के मुद्दे उठे। विस्थापितों के पुनर्वास पर भी विचार किया गया।
गवर्नमेंट लैंड कंपनसेशन और खनिज रॉयल्टी से जुड़े विषयों पर सहमति बनाने की कोशिश हुई। सीएसआर फंड के सही उपयोग पर भी बात हुई। खदानों में अवैध खनन से हो रहे हादसों पर चिंता जताई गई। इन पर रोक लगाने के उपायों पर चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धनबाद के झरिया में अग्निप्रभावित इलाके के लोगों के पुनर्वास के लिए मास्टर प्लान को प्रभावी तरीके से लागू किया जाना जरूरी है। इनके जरिए विस्थापित परिवारों को सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन मिलेगा।
उन्होंने झरिया मास्टर प्लान को सही ढंग से लागू करने के लिए पूर्णकालिक सीईओ की नियुक्ति की जरूरत पर जोर दिया।
केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने इस पर केंद्र सरकार की ओर से सहयोग का भरोसा दिलाया। इस मौके पर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, कोल इंडिया के अध्यक्ष बी साईराम, सीसीएल और बीसीसीएल के वरिष्ठ अधिकारी सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे।