क्या झारखंड में डीजीपी के पद पर अनुराग गुप्ता को बनाए रखना अवैधानिक है?

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क्या झारखंड में डीजीपी के पद पर अनुराग गुप्ता को बनाए रखना अवैधानिक है?

सारांश

झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने अनुराग गुप्ता की डीजीपी के रूप में नियुक्ति पर सवाल उठाया है, जिससे झारखंड पुलिस सेवा के अधिकारियों का भविष्य खतरे में है। क्या सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करेगी? जानें पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • बाबूलाल मरांडी ने अनुराग गुप्ता की नियुक्ति पर सवाल उठाया।
  • यूपीएससी ने उनकी डीजीपी के रूप में नियुक्ति को वैध नहीं माना।
  • पुलिस अधिकारियों की प्रोन्नति प्रक्रिया में बाधा आ रही है।
  • सरकार को पारदर्शी तरीके से प्रोमोशन प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहिए।
  • यह स्थिति पुलिस बल के मनोबल को प्रभावित कर सकती है।

रांची, 13 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक बार फिर अनुराग गुप्ता को राज्य के पुलिस महानिदेशक के पद पर बनाए रखने पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि यूपीएससी ने उनकी डीजीपी के रूप में नियुक्ति को वैध नहीं माना है, फिर भी उन्हें इस पद पर बनाए रखना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

मरांडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि डीजीपी के पद पर “अवैध और गैरकानूनी” नियुक्ति के कारण झारखंड पुलिस सेवा (जेपीएस) अधिकारियों की भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में प्रोन्नति पर विचार के लिए प्रस्तावित संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की बैठक रद्द हो गई। उनके अनुसार, यूपीएससी ने सेवानिवृत्ति के बाद भी डीजीपी के पद पर “गैरकानूनी” रूप से कार्यरत अनुराग गुप्ता को उस बैठक में शामिल रखने पर आपत्ति जताई, जिसके चलते बैठक टल गई।

उन्होंने लिखा कि इस कारण राज्य के योग्य पुलिस अधिकारियों को आईपीएस बनने का अवसर अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है, जबकि उनके करियर में “हर दिन महत्वपूर्ण” होता है। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सवाल किया कि “निजी स्वार्थ, भ्रष्टाचार एवं गलत कार्यों” के लिए सरकार “गैरकानूनी कदम” उठाकर होनहार अधिकारियों के भविष्य से क्यों खेल रही है।

मरांडी ने सरकार से आग्रह किया कि वह इस विषय पर गंभीरता से विचार कर और “कानून के अनुसार” कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि प्रोन्नति प्रक्रिया में बाधा आने से पुलिस बल का मनोबल प्रभावित होगा और प्रशासनिक कामकाज पर भी असर पड़ेगा। इसे “दुर्भाग्यपूर्ण” स्थिति बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से प्रमोशन प्रक्रिया आगे बढ़ानी चाहिए। उन्होंने सरकार से अपील की है कि वह शीघ्र स्थिति स्पष्ट करे और जेपीएससी के अधिकारियों की लंबित प्रोन्नति प्रक्रिया को आगे बढ़ाए।

Point of View

NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

झारखंड में डीजीपी की नियुक्ति को लेकर विवाद क्यों है?
बाबूलाल मरांडी के अनुसार, अनुराग गुप्ता की नियुक्ति यूपीएससी द्वारा वैध नहीं मानी गई है, जिससे उनकी डीजीपी के पद पर बने रहने की legality पर सवाल उठता है।
सरकार को इस मुद्दे पर क्या कदम उठाने चाहिए?
सरकार को तुरंत इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और कानून के अनुसार उचित कार्रवाई करनी चाहिए।