क्या झारखंड में जंगली हाथियों के कारण ट्रेनें रद्द हो रही हैं?
सारांश
Key Takeaways
- जंगली हाथियों के कारण ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हो रही है।
- यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।
- रद्द की गई ट्रेनों की सूची जारी की गई है।
- यात्रियों को अद्यतन स्थिति की जानकारी लेने की सलाह दी गई है।
- हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए गश्त बढ़ाई गई है।
जमशेदपुर, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड में जंगली हाथियों की वजह से ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हो रही है। पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर रेल मंडल ने यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए 18-19 दिसंबर को टाटानगर, चक्रधरपुर, राउरकेला और झारसुगुड़ा रेलखंड पर चलने वाली कई मेमू और पैसेंजर ट्रेनों को रद्द करने का निर्णय लिया है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, टाटानगर रेलखंड के साथ-साथ नक्सल-राउरकेला, चक्रधरपुर-राउरकेला और राउरकेला-झारसुगुड़ा सेक्शन में जंगली हाथियों की लगातार आवाजाही देखी जा रही है।
कई स्थानों पर हाथियों का झुंड रेल पटरियों के आस-पास और कभी-कभी ट्रैक पर भी पहुंच रहा है, जिससे ट्रेनों के संचालन में गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। संभावित हादसों से बचने और यात्रियों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह एहतियाती कदम उठाया गया है।
रद्द की गई ट्रेनों में राउरकेला-टाटानगर मेमू, चक्रधरपुर-राउरकेला-चक्रधरपुर मेमू, रांची-झारसुगुड़ा-रांची मेमू, राउरकेला-झारसुगड़ा-राउरकेला मेमू और बरामपुड़ा-बिसरा-बरामपुड़ा पैसेंजर ट्रेन शामिल हैं।
ये सभी ट्रेनें 18 और 19 दिसंबर को निर्धारित तिथियों पर नहीं चलेंगी। इन ट्रेनों के रद्द होने से खासकर दैनिक यात्रियों, छात्रों और नौकरीपेशा लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।
रेल प्रशासन का कहना है कि हाथियों की गतिविधियों पर लगातार नज़र रखी जा रही है और वन विभाग के साथ समन्वय बनाकर स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है। ट्रैक पर गश्त बढ़ा दी गई है और संवेदनशील इलाकों में लोको पायलटों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
रेलवे ने टाटानगर और आसपास के स्टेशनों से यात्रा करने वाले यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे स्टेशन आने से पहले अपनी ट्रेन की अद्यतन स्थिति की जानकारी अवश्य प्राप्त करें। साथ ही, आवश्यक होने पर वैकल्पिक यात्रा व्यवस्था पर भी विचार करें। अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही हाथियों की आवाजाही सामान्य होगी और ट्रैक पूरी तरह सुरक्षित पाए जाएंगे, ट्रेनों का परिचालन बहाल कर दिया जाएगा।