क्या झारखंड के कोल्हान में नक्सलियों की साजिश को नाकाम कर दिया गया?

सारांश
Key Takeaways
- नक्सलियों की गतिविधियों पर नज़र रखने की आवश्यकता है।
- सुरक्षा बलों का सघन अभियान शांति बनाए रखने में सहायक है।
- गुप्त सूचनाएं कार्रवाई का आधार बनती हैं।
- स्थानीय निवासियों की सुरक्षा प्राथमिकता है।
- नक्सलियों के खिलाफ अभियान अनवरत जारी रहेगा।
चाईबासा, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के कोल्हान क्षेत्र में पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने नक्सलियों की एक गंभीर साजिश को नाकाम करने में सफलता प्राप्त की है। पश्चिमी सिंहभूम जिले के टोकलो थाना और सरायकेला-खरसावां जिले के कुचाई थाना क्षेत्र के सीमावर्ती जंगलों में एक संयुक्त खोज अभियान के दौरान भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है।
चाईबासा पुलिस अधीक्षक को गुप्त जानकारी प्राप्त हुई थी कि भाकपा (माओवादी) के प्रमुख नेता मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछु और अनल अपने दस्ते के साथ सारंडा और कोल्हान क्षेत्र में सक्रिय हैं और पुलिस एवं सुरक्षा बलों को निशाना बनाने की योजना बना रहे हैं। इसी सूचना के आधार पर चाईबासा और सरायकेला-खरसावां पुलिस, झारखंड जगुआर और सीआरपीएफ की 60वीं बटालियन की एक संयुक्त टीम ने 19 जुलाई से एक सघन तलाशी अभियान शुरू किया।
20 जुलाई को टोकलो और कुचाई थाना क्षेत्र के जंगलों में इस सर्च अभियान के दौरान सुरक्षा बलों ने 14 शक्तिशाली आईईडी, देसी हैंड ग्रेनेड, अमोनियम नाइट्रेट पाउडर, बारूदी पाउडर और विस्फोटक सामग्री रखने के लिए उपयोग होने वाले स्टील कंटेनर बरामद किए। बम निरोधक दस्ते की सहायता से सभी विस्फोटकों को मौके पर ही सुरक्षित तरीके से निष्क्रिय कर दिया गया।
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इस कार्रवाई से क्षेत्र में एक बड़े हादसे को टालने में सफलता मिली है। उन्होंने यह भी बताया कि नक्सलियों के खिलाफ अभियान निरंतर जारी रहेगा ताकि इलाके में शांति और सुरक्षा बनी रहे।
इससे पहले, 4 जुलाई को पश्चिमी सिंहभूम जिले के टोकलो थाना और दलभंगा ओपी के सीमावर्ती जंगली-पहाड़ी क्षेत्र में चलाए गए सघन तलाशी अभियान के दौरान 30 शक्तिशाली आईईडी बरामद किए गए थे। 1 जुलाई को इसी जिले के टोंटो थाना अंतर्गत हुसिपी और आस-पास के जंगल में माओवादी नक्सलियों द्वारा छिपाए गए 18 हजार डेटोनेटर जब्त किए गए थे। 18 जून को जिले के टोकलो थाना क्षेत्र अंतर्गत चितपिल जंगल से 14 शक्तिशाली आईईडी बरामद किए गए थे।