क्या झारखंड में नकली शराब बनाने वाले नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ है?
सारांश
Key Takeaways
- झारखंड में 80 लाख रुपए की नकली शराब जब्त की गई।
- नकली शराब का कारोबार गिरिडीह और हजारीबाग में सक्रिय था।
- नकली होलोग्राम का इस्तेमाल अवैध शराब को वैध दिखाने के लिए किया जा रहा था।
- विभाग इस मामले में सख्त कार्रवाई करेगा।
- नकली शराब की तस्करी अन्य राज्यों तक फैली हुई है।
रांची, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के आबकारी विभाग की खुफिया शाखा ने गिरिडीह और हजारीबाग जिलों के सीमा पर स्थित चलपनिया और आठमाइल क्षेत्र में एक बड़े नकली विदेशी शराब बनाने वाले नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इस छापेमारी में कृष्णा साव के घर और उससे जुड़े परिसर पर कार्रवाई की गई।
इस छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में नकली शराब और निर्माण सामग्री बरामद की गई। लगभग 4000 लीटर स्पिरिट, तैयार विदेशी ब्रांड की नकली शराब, उत्पादन में इस्तेमाल होने वाली मशीनें, खाली बोतलें, और पैकिंग सामग्री जब्त की गई।
इसके अतिरिक्त, झारखंड और उत्तर प्रदेश सरकार के नकली होलोग्राम भी बड़ी संख्या में मिले, जिनका उपयोग शराब को वैध दिखाने के लिए किया जा रहा था। जांच में यह भी सामने आया कि तैयार शराब की तस्करी झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में की जाती थी। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, जब्त की गई वस्तुओं और शराब की कुल बाजार कीमत लगभग 80 लाख रुपए बताई जा रही है।
विभाग इस पूरे नेटवर्क से जुड़े व्यक्तियों की तलाश कर रहा है और यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि नकली शराब की आपूर्ति किन माध्यमों से की जाती थी। उत्पाद विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में बरामद दस्तावेजों और डिजिटल रिकॉर्ड के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है। कई संदिग्धों की भूमिका की जांच की जा रही है और जल्द ही कुछ और गिरफ्तारियां संभव हैं।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्र में नकली शराब उत्पादन लंबे समय से चल रहा था और शिकायतों तथा खुफिया इनपुट के आधार पर यह अभियान चलाया गया। अधिकारियों ने कहा कि प्रदेश में अवैध शराब के कारोबार को रोकने के लिए अभियान जारी रहेगा और जहां भी इस तरह की इकाइयों के संचालन की आशंका होगी, वहां सख्त कार्रवाई की जाएगी।