क्या झारखंड में स्वास्थ्य सेवा की स्थिति पर नेता प्रतिपक्ष और मंत्री के बीच जुबानी जंग हो गई?

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क्या झारखंड में स्वास्थ्य सेवा की स्थिति पर नेता प्रतिपक्ष और मंत्री के बीच जुबानी जंग हो गई?

सारांश

झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को लेकर नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी और स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के बीच तीखी बहस हुई है। क्या यह बहस केवल शब्दों तक सीमित रहेगी, या इससे राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा? जानिए इस संघर्ष के पीछे की सच्चाई।

Key Takeaways

  • स्वास्थ्य सेवा में सुधार की आवश्यकता है।
  • राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप समस्या का समाधान नहीं है।
  • बजट का सही उपयोग होना चाहिए।
  • दुर्गम इलाकों में बाइक एंबुलेंस योजना आवश्यक है।
  • जनता की भलाई के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

रांची, 29 जून (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को लेकर नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के बीच तीखी बहस हुई है। मरांडी ने एक मरीज को एंबुलेंस न मिलने की वजह से चारपाई पर अस्पताल पहुंचाए जाने की तस्वीर साझा करते हुए सरकार से पूछा है कि राज्य के भारी-भरकम स्वास्थ्य बजट का पैसा कहां गया?

इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने उनसे पूछा कि राज्य में भाजपा के लगभग दो दशकों के शासन का क्या हाल था। दोनों के सोशल मीडिया पोस्ट पर यूजर्स ने भी टिप्पणियां की हैं।

मरांडी ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, “ये 18वीं सदी नहीं है, लेकिन झारखंड के गांवों की स्थिति अभी भी वही है। सिमडेगा जिले के चुंदियारी गांव में एक बुज़ुर्ग महिला गंगो देवी को गंभीर चोट लगी, लेकिन गांव में न सड़क थी, न स्वास्थ्य सुविधा, और न ही एंबुलेंस। मजबूर परिवार ने खाट पर लादकर तीन किलोमीटर पैदल चलना पड़ा।”

नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को संबोधित करते हुए कहा, “शर्म की बात ये है कि ये सब उस राज्य में हो रहा है, जहां हेमंत सरकार ने इस साल बजट में स्वास्थ्य के लिए 3,497 करोड़ और सड़कों के लिए 5,300 करोड़ खर्च करने की घोषणा की थी। पिछले साल यही राशि 7,223 करोड़ और 6,389 करोड़ थी। इतना पैसा गया कहां?”

भाजपा नेता ने यह भी आरोप लगाया कि जब बात भ्रष्टाचार की होती है, तो हेमंत सरकार सक्रिय हो जाती है, लेकिन जब व्यवस्था पर सवाल उठे, तो मुख्यमंत्री और मंत्री चुप्पी साध लेते हैं।

इसके तुरंत बाद स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने जवाब दिया। उन्होंने मरांडी को कहा, “अगर आईना देखने की हिम्मत है तो इतिहास भी देखिए। 20 साल तक आप और आपकी पार्टी झारखंड की सत्ता में रहे, लेकिन क्या दिया इसको? न सड़क, न स्वास्थ्य, न सम्मान।”

अंसारी ने कहा कि आपके शासनकाल ने झारखंड की जड़ों को खोखला किया, और अब जब हेमंत जी की सरकार सुधार कर रही है, तो आपको परेशानी हो रही है?”

मरीज को चारपाई पर ले जाने की तस्वीर पर सफाई देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जिस चुंदियारी गांव की यह तस्वीर है, वह पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्र है, जहां एंबुलेंस नहीं पहुंच सकती। इसलिए हमने बाइक एंबुलेंस योजना शुरू की है, ताकि ऐसे इलाकों में भी इलाज की सुविधा मिल सके। व्यवस्था बदल रही है, और इसका असर जमीन पर दिख रहा है।

अंसारी ने पूछा, “आप बजट की बात करते हैं? बताइए, जब आप सत्ता में थे तब स्वास्थ्य और सड़क के लिए कितनी ईमानदारी से काम किया? बड़े-बड़े घोटालों और बंद पड़ी स्वास्थ्य योजनाओं की लंबी सूची है, बाबूलाल जी! जब भ्रष्टाचार की बात आती है तो आप और आपकी पार्टी सबसे पहले खड़े होते हैं। किसी पीएचसी में जाइए, आपको बदलाव दिखेगा। वरना सोशल मीडिया पर बैठकर भाषण देने से न आपकी साख लौटेगी और न ही लोगों का भरोसा।”

Point of View

और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप इस मुद्दे का समाधान नहीं है। सरकार को इस पर ठोस कदम उठाने की जरूरत है। जनता की भलाई के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार आवश्यक है।
NationPress
04/09/2025

Frequently Asked Questions

झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति कैसी है?
झारखंड में स्वास्थ्य सेवाएं काफी कमजोर हैं, जहां एंबुलेंस और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है।
नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने क्या कहा?
उन्होंने सरकार से पूछा कि भारी-भरकम स्वास्थ्य बजट का पैसा कहां गया?
स्वास्थ्य मंत्री ने क्या जवाब दिया?
स्वास्थ्य मंत्री ने पिछले भाजपा शासनकाल का हिसाब मांगा और कहा कि वर्तमान सरकार सुधार लाने की कोशिश कर रही है।