क्या झारखंड में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाया गया?

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क्या झारखंड में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को <b>एचआईवी</b> संक्रमित खून चढ़ाया गया?

सारांश

झारखंड के चाईबासा सदर अस्पताल में थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों के साथ हुआ यह घातक हादसा पूरे देश को हिला कर रख दिया है। मुख्यमंत्री ने सख्त कार्रवाई का आश्वासन देते हुए पीड़ित बच्चों के परिवारों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

Key Takeaways

  • झारखंड में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के साथ बड़ा खिलवाड़ हुआ है।
  • एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाने का मामला गंभीर है।
  • मुख्यमंत्री ने त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
  • जांच टीम ने कई अनियमितताएं पाई हैं।
  • स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर सवाल उठने लगे हैं।

रांची, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा सदर अस्पताल में थैलेसीमिया से ग्रसित सात बच्चों की जिंदगी के साथ बड़ा खिलवाड़ हुआ है। इन्हें अस्पताल के ब्लड बैंक में एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाया गया। मामला सामने आने के बाद झारखंड हाईकोर्ट के निर्देश पर जांच शुरू की गई है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए जिले के सिविल सर्जन समेत अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को तुरंत निलंबित करने का आदेश दिया है। उन्होंने पीड़ित बच्चों के परिवारों को दो-दो लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने और सभी बच्चों के इलाज की जिम्मेदारी राज्य सरकार द्वारा उठाने की घोषणा की है।

चाईबासा सदर अस्पताल के सरकारी ब्लड बैंक में 13 सितंबर को एक सात वर्षीय थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे को रक्त चढ़ाया गया था। 18 अक्टूबर को उसकी फॉलो-अप जांच में एचआईवी पॉजिटिव रिपोर्ट आई। इसके बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया। जांच में पता चला कि छह अन्य बच्चों को भी संक्रमित खून चढ़ाया गया था, जिनमें से दो बच्चे अभी भी पीकू वार्ड में भर्ती हैं।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस घटना को अत्यंत पीड़ादायक बताते हुए कहा कि इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने राज्य के सभी ब्लड बैंकों का ऑडिट कराने और पांच दिनों के भीतर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।

इससे पहले झारखंड हाईकोर्ट ने भी स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य स्वास्थ्य सचिव और चाईबासा के सिविल सर्जन से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। राज्य सरकार की पांच सदस्यीय जांच टीम शनिवार को रांची से चाईबासा पहुंची और ब्लड बैंक, पीकू वार्ड व लैब का निरीक्षण किया। टीम ने ब्लड स्क्रीनिंग से लेकर रिकॉर्ड रखरखाव तक कई गंभीर अनियमितताएं पाईं।

स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक डॉ. दिनेश कुमार ने बताया कि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि थैलेसीमिया मरीजों में संक्रमण किस माध्यम से फैला। जांच की जा रही है कि क्या बच्चों को संक्रमित रक्त चढ़ाया गया या संक्रमण किसी अन्य कारण से हुआ। अधिकारियों ने ब्लड बैंक के सभी डोनर्स का पता लगाने के निर्देश दिए हैं ताकि संक्रमण के फैलाव को रोका जा सके। फिलहाल ब्लड बैंक को केवल आपात स्थिति में संचालित करने की अनुमति दी गई है।

Point of View

बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर सवाल उठने लगे हैं। हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। यह एक राष्ट्रीय मुद्दा है और सभी की जिम्मेदारी है कि वे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को सुनिश्चित करें।
NationPress
26/10/2025

Frequently Asked Questions

क्या थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को संक्रमित रक्त चढ़ाने का मामला गंभीर है?
हाँ, यह मामला बेहद गंभीर है और इसकी जांच चल रही है।
मुख्यमंत्री ने क्या कदम उठाए हैं?
मुख्यमंत्री ने जिम्मेदार अधिकारियों को निलंबित करने और पीड़ित परिवारों को सहायता देने का आदेश दिया है।
इस मामले में जांच कौन कर रहा है?
झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर एक जांच टीम इस मामले की जांच कर रही है।