क्या झारखंड के विश्वविद्यालयों को परीक्षा के 30 दिन के अंदर रिजल्ट जारी करने का निर्देश मिला?

सारांश
Key Takeaways
- परीक्षा के रिजल्ट का समय पर प्रकाशन जरूरी है।
- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस रणनीतियाँ बनानी होंगी।
- ग्रामीण क्षेत्रों में नामांकन बढ़ाना ज़रूरी है।
- सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण किया जाना चाहिए।
- सभी विश्वविद्यालयों के पास विज़न डॉक्यूमेंट होना चाहिए।
रांची, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के राज्यपाल और विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति संतोष कुमार गंगवार ने परीक्षाओं की समाप्ति के एक माह के भीतर रिजल्ट जारी करने का निर्देश दिया है। सोमवार को राजभवन में प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ हुई उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, समयबद्ध परीक्षा आयोजन, तय समय में परिणाम प्रकाशन और शैक्षणिक कैलेंडर का कठोर अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
राज्यपाल ने राज्य में उच्च शिक्षा की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि झारखंड की ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो राष्ट्रीय औसत से लगभग 10 प्रतिशत कम है। इस स्थिति में खासकर ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में नामांकन बढ़ाने के लिए ठोस प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। बैठक में यह भी उजागर हुआ कि कुछ स्थलों पर कॉलेज तो हैं, लेकिन विद्यार्थी नामांकन नहीं ले रहे हैं।
इस पर राज्यपाल ने सुझाव दिया कि कुलपति स्वयं वहां जाकर माहौल बनाएं और जन-प्रतिनिधियों का सहयोग लें। उन्होंने विश्वविद्यालयों से राष्ट्रीय रैंकिंग सुधारने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाने और उस पर अमल करने का भी सुझाव दिया। राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों में ‘एक व्यक्ति - एक पद’ का सिद्धांत लागू करने, सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मियों को हर माह की 5 तारीख तक पेंशन का भुगतान करने के निर्देश भी दिए।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों के प्लेसमेंट सेल को औपचारिकता तक सीमित न रखा जाए, बल्कि इसे प्रभावी तरीके से कार्यान्वित किया जाए। छात्रावास, पुस्तकालय, प्रयोगशालाओं जैसी मूलभूत सुविधाओं को मजबूत करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने सीसीटीवी निगरानी, सुरक्षा गार्ड और एंटी-रैगिंग सेल को सक्रिय करने पर भी जोर दिया। रिक्त पदों के संदर्भ में उन्होंने बताया कि शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों की नियुक्तियों में तेजी लाने के लिए राज्य सरकार से आग्रह किया गया है। साथ ही, आवश्यकता आधारित शिक्षकों का स्थानांतरण नहीं करने का भी निर्देश दिया गया।
मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इसमें कोई ढिलाई न हो और पात्र विद्यार्थियों को इसका लाभ मिल सके। राज्यपाल ने कहा कि हर विश्वविद्यालय के पास स्पष्ट विज़न डॉक्यूमेंट और मास्टर प्लान होना चाहिए। निर्माणाधीन भवनों के अनुश्रवण के लिए समिति गठित करने का सुझाव दिया गया और जर्जर भवनों का उपयोग न करने की सलाह दी गई।
बताया गया कि तीन महीने बाद पुनः समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें इन सभी निर्देशों के अनुपालन की प्रगति रिपोर्ट ली जाएगी।