क्या मतदाता पुनरीक्षण में बोगस मतदाता हटेंगे? जीतन राम मांझी की राय

सारांश
Key Takeaways
- मतदाता पुनरीक्षण से फर्जी मतदाताओं की संख्या में कमी आएगी।
- विपक्ष के पास कितने बोगस मतदाता हैं, यह एक बड़ा सवाल है।
- राजनीतिक पारदर्शिता की आवश्यकता है।
- ममता बनर्जी को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।
- बिहार में राजद की स्थिति पर आलोचना।
पटना, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि इन लोगों ने कई विधानसभा क्षेत्रों में बड़ी संख्या में फर्जी (बोगस) मतदाताओं को तैयार किया है, जिससे इन्हें पुनरीक्षण में परेशानी हो रही है।
पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, "हमें तो पता है कि कुछ विधानसभा क्षेत्रों में 20 से 30 हजार बोगस मतदाता बनाए गए हैं। पुनरीक्षण के समय ये हटा दिए जाएंगे। इसी डर से ये परेशान हैं। सांच को आंच क्या? जब सब सही है तो डर क्यों?"
इधर, लोजपा (रामविलास) के राजगीर में 29 जून को बहुजन भीम संगम आयोजन को लेकर उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है। उनकी पार्टी एनडीए को मजबूत करने में जुटी है। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के कलम बांटने पर उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके पिता लालू यादव लाठी में तेल पिलवाते थे। यह उन्हें याद रखना चाहिए।
तेजस्वी यादव द्वारा बिहार के लोगों से 20 महीने मांगे जाने पर जीतन राम मांझी ने कहा कि वे भले लोगों से मांग रहे हैं, पर उन्हें मिलने वाला नहीं है। उनके पिता लालू यादव का जंगल राज बिहार की जनता ने देख लिया है। आज भी राजद के लोग गरीबों की जमीन हड़प रहे हैं। अगर 10 महीने भी राजद सत्ता में आ गई, तो बिहार में गृहयुद्ध छिड़ जाएगा।
पश्चिम बंगाल में सामूहिक दुष्कर्म की घटना पर उन्होंने कहा कि वहां महिला मुख्यमंत्री हैं और महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं समाज और सरकार पर एक दाग हैं। ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।