क्या एनडीए में सीट बंटवारे पर केंद्रीय नेतृत्व का फैसला अंतिम होगा? : जीतन राम मांझी

सारांश
Key Takeaways
- एनडीए में सीट बंटवारे का फैसला केंद्रीय नेतृत्व का होगा।
- कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए उन्हें अकेले लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए।
- गठबंधन को कमजोर करने वाले कदम नहीं उठाने चाहिए।
- जीएसटी स्लैब में बदलाव को ऐतिहासिक बताया गया।
- गरीबों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का योगदान सराहनीय है।
पटना, 6 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने शनिवार को आगामी चुनावों में एनडीए के भीतर सीट बंटवारे को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया।
उन्होंने स्पष्ट किया कि एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर कोई विवाद नहीं है और जो भी निर्णय केंद्रीय नेतृत्व द्वारा लिया जाएगा, उसे सभी नेता मानेंगे। उपराष्ट्रपति चुनाव के बाद इस विषय पर चर्चा की जाएगी।
मांझी ने अपने कार्यकर्ताओं को चुनाव में अकेले लड़ने के लिए तैयार रहने का संदेश दिया। उन्होंने यह भी बताया कि यह सिर्फ कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए कहा गया था, कभी-कभी ऐसा कहना आवश्यक होता है।
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने इशारों में कहा कि वे चिराग के बारे में कुछ नहीं कहना चाहते, क्योंकि 2020 से लोग उनके 'चाल और चरित्र' को देख रहे हैं।
चिराग को सलाह देते हुए मांझी ने कहा कि इस समय देश और बिहार को एनडीए की जरूरत है, इसलिए ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे गठबंधन कमजोर हो।
कांग्रेस द्वारा बीड़ी की तुलना बिहार से करने के बयान पर उन्होंने कड़ी आपत्ति जताई। मांझी ने कहा कि यह बयान कांग्रेस का लोकतंत्र पर अविश्वास दर्शाता है और वे केवल 'भद्दी भद्दी बातें' करके अपनी पहचान बनाना चाहते हैं।
जीएसटी स्लैब में बदलाव को उन्होंने ऐतिहासिक बताया और कहा कि अपने 46 वर्षों के राजनीतिक जीवन में उन्होंने गरीबों के लिए इतना बड़ा तोहफा पहले कभी नहीं देखा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि पीएम गरीबों के लिए जीते हैं और आगे भी उनके लिए काम करेंगे। उन्होंने इसे दीपावली और दशहरा के पहले आने वाली 'बड़ी सौगात' बताया।