क्या जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव के नौकरी के वादे को 'अव्यावहारिक' बताया?
सारांश
Key Takeaways
- जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव के वादों पर सवाल उठाए।
- बिहार की जनता के लिए वादे अक्सर निराधार होते हैं।
- राजनीतिक प्रतिस्पर्धा में वादे किए जाते हैं, लेकिन वास्तविकता अलग होती है।
पटना, 25 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने शनिवार को तेजस्वी यादव पर बिहार के हर घर में एक सरकारी नौकरी देने के उनके चुनावी वादे को लेकर तीखा हमला करते हुए इसे "अव्यावहारिक" और "भ्रामक" कहा।
मांझी ने शनिवार शाम को पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि ये लोग जो भी कह रहे हैं, वो वादा करना आसान है, लेकिन ये बातें व्यावहारिक रूप से संभव नहीं हैं। बिहार की जनता सब कुछ जानती है।
बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान राजद नेता तेजस्वी यादव ने आश्वासन दिया था कि यदि बिहार में उनकी सरकार बनती है, तो हर घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि जीविका दीदियों और महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्यों को स्थायी किया जाएगा और उनका वेतन 30,000 रुपए प्रति माह और अन्य भत्तों के लिए 2,000 रुपए अतिरिक्त दिए जाएंगे।
मांझी ने आगे कहा कि 2005 से पहले, जब तेजस्वी की मां राबड़ी देवी और पिता लालू प्रसाद यादव शासन कर रहे थे, तब बिहार में कोई विशेष प्रगति नहीं हुई थी। भय और आतंक का माहौल था। जब उनके माता-पिता ने बिहार के लिए कुछ नहीं किया, तो अब उनका बेटा क्या करेगा?
केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि बिहार की जनता पहले ही अपना मन बना चुकी है और 14 नवंबर को एनडीए सरकार की स्पष्ट जीत की भविष्यवाणी कर रही है।
इस दौरान जब केंद्रीय मंत्री से राजद एमएलसी कारी सोहैब के उस बयान पर सवाल पूछा गया, जिसमें उन्होंने कहा था कि राजद के सत्ता में आने पर सभी बिल फाड़ दिए जाएंगे, तो उन्होंने कहा कि हम यह भी कह सकते हैं कि अगर हमारी सरकार आई, तो हम चांद को धरती पर उतार लाएंगे, लेकिन क्या यह संभव है? नहीं। महागठबंधन के नेता भी इसी तरह के अवास्तविक दावे कर रहे हैं।
तेजस्वी यादव के उस आरोप पर कि बिहार को दो गुजराती चला रहे हैं, मांझी ने इसे एक भ्रम बताया। उन्होंने कहा, "नीतीश कुमार बिहार चला रहे हैं। उनसे अधिक सक्षम मुख्यमंत्री कोई नहीं है। उन्होंने दो दशकों तक बेहतरीन शासन दिया है, बिजली, सड़क और कानून-व्यवस्था में सुधार किया है।"