क्या जेएनयू लाइब्रेरी मामले में आरोपियों पर दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए?

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क्या जेएनयू लाइब्रेरी मामले में आरोपियों पर दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए?

सारांश

जेएनयू लाइब्रेरी में फेस रिकग्निशन सिस्टम के टूटने से हंगामे का माहौल है। क्या प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए? जानिए इस मुद्दे पर एबीवीपी के मंत्री प्रवीण की राय और विश्वविद्यालय प्रशासन की प्रतिक्रिया।

Key Takeaways

  • जेएनयू में फेस रिकग्निशन सिस्टम के टूटने पर हंगामा।
  • प्रवीण का आरोप: वामपंथी लोग माहौल बिगाड़ रहे हैं।
  • लाइब्रेरी में छात्रों के लिए अध्ययन की जगह की कमी।
  • विश्वविद्यालय प्रशासन पर छात्रों की समस्याओं की अनदेखी का आरोप।
  • दंडात्मक कार्रवाई की मांग उठाई गई है।

नई दिल्ली, 23 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की डॉ. बीआर अंबेडकर सेंट्रल लाइब्रेरी में फेस रिकग्निशन सिस्टम के टूटने के बाद का हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। जेएनयू एबीवीपी के मंत्री प्रवीण ने कहा कि वामपंथी लोग विश्वविद्यालय का माहौल बिगाड़ना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने सिस्टम को तोड़ दिया है। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से आरोपियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की।

प्रवीण ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि विश्वविद्यालय में वामपंथी तत्व घुसकर तोड़फोड़ कर रहे हैं। पहले तो विश्वविद्यालय ने बिना किसी सूचना के डॉ. बीआर अंबेडकर सेंट्रल लाइब्रेरी में फेस रिकग्निशन सिस्टम स्थापित किया था, और फिर इसे वामपंथी लोगों ने तोड़ दिया है। हम इस कार्य का विरोध करते हैं।

उन्होंने कहा कि फेस रिकग्निशन सिस्टम में तोड़फोड़ करना गलत है। यह विश्वविद्यालय की पहचान, उसकी शैक्षणिक परंपरा और छात्रों के भविष्य पर एक बड़ा हमला है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ऐसे किसी भी तत्व को विश्वविद्यालय की शांति और शैक्षणिक संस्कृति को नुकसान पहुँचाने नहीं देगी।

प्रवीण ने यह भी कहा कि लाइब्रेरी में छात्रों के बैठने की जगह बहुत कम है। विश्वविद्यालय प्रशासन को तुरंत इस समस्या का समाधान करना चाहिए ताकि छात्र सही से पढ़ाई कर सकें। इसके अलावा, यदि विश्वविद्यालय प्रशासन ने जो महंगा फेस रिकग्निशन सिस्टम लगाया था, उसी राशि का उपयोग छात्रों के अध्ययन के लिए कमरे या सुविधाओं में विस्तार करने में किया होता, तो बेहतर होता।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार छात्रों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहा है और अन्य कार्यों में व्यस्त है। इससे छात्रों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन प्रशासन मौन है। हम यही मांग करते हैं कि जल्दी से जल्दी इस पर ध्यान दिया जाए और समस्याओं का समाधान किया जाए।

बता दें कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की डॉ. बीआर अंबेडकर सेंट्रल लाइब्रेरी में फेस रिकग्निशन सिस्टम को उखाड़ने के मामले को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। इस संबंध में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई थी। एक अधिकारी ने बताया कि पूरे मामले की रिपोर्ट जेएनयू कुलगुरु और प्रॉक्टर को सौंप दी गई है।

Point of View

बल्कि पूरे देश के शैक्षणिक वातावरण को प्रभावित करता है। विश्वविद्यालयों में ऐसे घटनाक्रमों का होना चिंताजनक है। हमें इस घटनाक्रम को गंभीरता से लेना चाहिए और इसे रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए।
NationPress
23/11/2025

Frequently Asked Questions

जेएनयू लाइब्रेरी में क्या हुआ?
जेएनयू की डॉ. बीआर अंबेडकर सेंट्रल लाइब्रेरी में फेस रिकग्निशन सिस्टम को तोड़ा गया है।
प्रवीण ने क्या कहा?
प्रवीण ने आरोप लगाया कि वामपंथी लोग विश्वविद्यालय का माहौल खराब कर रहे हैं।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने क्या कदम उठाए हैं?
विश्वविद्यालय प्रशासन ने पूरे मामले की गंभीरता को स्वीकार किया है और रिपोर्ट तैयार की है।
छात्रों की समस्याओं का समाधान कैसे किया जाएगा?
प्रवीण ने लाइब्रेरी में अध्ययन की सुविधाएं बढ़ाने की मांग की है।
क्या प्रशासन को दंडात्मक कार्रवाई करनी चाहिए?
प्रवीण ने प्रशासन से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
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