क्या अनुपम खेर ने जिंदगी का सच साझा किया? 'जो फिर से उड़ सका, वही जिंदा'

सारांश
Key Takeaways
- संघर्ष और हार जीवन का हिस्सा हैं।
- हर परिस्थिति में हौसला बनाए रखना जरूरी है।
- अपने परिवार के साथ समय बिताना अहम है।
- अनुपम खेर जैसे लोग समाज को प्रेरित करते हैं।
- सच्ची जीत कभी भी संघर्ष से अलग नहीं होती।
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर न केवल अपनी अदाकारी के लिए प्रसिद्ध हैं, बल्कि उनकी गहरी सोच के लिए भी जाने जाते हैं। अनुपम हर सुबह की शुरुआत किसी मोटिवेशनल वीडियो या उद्धरण से करते हैं, जो उनके प्रशंसकों में उत्साह भर देता है। उन्होंने गुरुवार को अपने सोशल मीडिया पर जिंदगी की एक महत्वपूर्ण सच्चाई साझा की।
अनुपम खेर ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट साझा किया जिसमें लिखा है, "जिंदगी में शिकस्त भी जरूरी है, ताकि जीत की अहमियत को समझा जा सके। घायल तो हर एक परिंदा है, जो फिर से उड़ सका, वही जिंदा है।" इस उद्धरण से स्पष्ट है कि जिंदगी को जीने के लिए निरंतर संघर्ष करते रहना चाहिए और कभी हार नहीं माननी चाहिए।
प्रशंसक भी अनुपम के इस मोटिवेशनल उद्धरण की सराहना कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, "वाह, जीना इसी का नाम है सर जी।" जबकि एक अन्य यूजर ने कहा, "हर परिस्थिति में हौसला बनाए रखना ही असली जीवन जीने का तरीका है।"
गौरतलब है कि अनुपम खेर मजेदार वीडियो भी साझा करते हैं, खासकर अपने छोटे भाई और मां दुलारी के साथ। हाल ही में, अनुपम अपनी मां के साथ एक रेस्तरां में गए थे। उन्होंने बताया कि दुलारी को फाइव स्टार होटल जाना बहुत पसंद है, और जब उनके दोनों बेटे उनके साथ होते हैं, तो वह कहीं भी जाने के लिए तैयार हो जाती हैं। अनुपम ने कहा कि वह अपनी मां के साथ ज्यादा समय बिताना पसंद करते हैं क्योंकि दुलारी उनके साथ स्वतंत्र महसूस करती हैं।
उनकी और दुलारी की बांडिंग को सोशल मीडिया पर प्रशंसकों द्वारा बहुत पसंद किया जाता है। अनुपम उनसे गांव की पुरानी बातें, अपने पिता की बातें, फिल्मों की बातें और घर की बातें खुलकर करते हैं। उनकी मां के जवाब भी प्रशंसकों के दिलों में जगह बना लेते हैं।
काम की बात करें तो अनुपम खेर की फिल्म 'तन्वी का ग्रेट' को दोबारा रिलीज किया गया है। पहले इसे अनीत पड्डा और अहान पांडे की फिल्म सैयारा के साथ रिलीज किया गया था, लेकिन सैयारा की सफलता के चलते इसे ज्यादा रिस्पांस नहीं मिला। यह फिल्म ऑटिज्म से पीड़ित एक बच्ची की कहानी है, जो भले ही चीजें धीरे समझती हैं लेकिन वह बहुत प्रतिभाशाली हैं।