क्या जोधपुर लवली कंडारा एनकाउंटर की जांच में सीबीआई ने घटनास्थल का दौरा किया?

सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई ने लवली कंडारा एनकाउंटर की जांच शुरू की है।
- 13 अक्टूबर 2021 को यह एनकाउंटर हुआ था।
- हिस्ट्रीशीटर को गोली मारने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
- घटनास्थल का निरीक्षण किया गया है।
- इस मामले की गहन जांच जारी है।
जोधपुर, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान के जोधपुर में चर्चित लवली कंडारा एनकाउंटर मामले की जांच कर रही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने सोमवार को जोधपुर पहुंचकर घटनास्थल का गहनता से निरीक्षण किया। टीम ने 13 अक्टूबर 2021 को हुए एनकाउंटर के सभी पहलुओं की जानकारी जुटाई।
13 अक्टूबर 2021 को रातानाडा थाने के तत्कालीन थाना अधिकारी लीलाराम की टीम ने एक मुठभेड़ में हिस्ट्रीशीटर लवली कंडारा को गोली मार दी थी, जिससे उसकी मौत हो गई थी। यह मामला काफी चर्चित रहा है। इसके बाद, तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार ने 31 अक्टूबर 2023 को इस मामले की जांच सीबीआई से कराने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा था। इसके बाद, सीबीआई ने 9 जनवरी 2025 को इस मामले में एक एफआईआर दर्ज की।
सीबीआई ने अपनी एफआईआर में रातानाडा थाने के तत्कालीन थाना अधिकारी लीलाराम, कांस्टेबल जितेंद्र सिंह, किशन सिंह, विश्वास और गनमैन अंकित को आरोपी बनाया है। सीबीआई क्राइम ब्रांच के डीएसपी मोहिंदर सिंह इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। इससे पहले, सीबीआई टीम ने 28 जनवरी को जोधपुर में लवली कंडारा के परिवार के सदस्यों से बातचीत कर घटनाक्रम की पूरी जानकारी ली थी।
13 अक्टूबर 2021 को तत्कालीन थाना अधिकारी लीलाराम को सूचना मिली थी कि हिस्ट्रीशीटर लवली कंडारा हाईकोर्ट कॉलोनी के पास अपनी एसयूवी गाड़ी में कुछ साथियों के साथ घूम रहा है। लीलाराम एडीसीपी के गनमैन से पिस्तौल लेकर तीन कांस्टेबल के साथ अपनी निजी कार से रवाना हुए थे।
पुलिस ने जब लवली की एसयूवी को घेरा तो उसके छह साथी भाग गए। जब पुलिस ने लवली को पकड़ने की कोशिश की, तो उसने एक कांस्टेबल पर पिस्तौल तानकर खुद को छुड़ाया। इसके बाद, इंजीनियरिंग कॉलेज के पास ग्रीन गेट पर लवली की एसयूवी डिवाइडर पर चढ़ गई।
पुलिस के अनुसार, इस दौरान डिगाड़ी के पास लवली ने पुलिस पर फायरिंग की, जिसमें उसने पहली गोली कार के बंपर और दूसरी तत्कालीन थाना अधिकारी लीलाराम के पैर पर मारी और तीसरी गोली पिस्टल में फंस गई।
पुलिस ने भी बचाव में फायरिंग की और लीलाराम ने सात फायर किए, जिसमें गोली लवली के सीने, पेट और हाथ में लगीं। इसके साथ ही ड्राइवर को पकड़ लिया गया। घायल लवली को मथुरादास माथुर अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मृत्यु हो गई। अब सीबीआई इस पूरे घटनाक्रम की सच्चाई की जांच कर रही है।