क्या जॉय नगर के विधायक पर एसआईआर प्रक्रिया में धांधली का आरोप सच है?
सारांश
Key Takeaways
- बिश्वनाथ दास और तुहिन विश्वास पर गंभीर आरोप लगे हैं।
- एसआईआर प्रक्रिया में राजनीतिक हस्तक्षेप के आरोप बढ़ रहे हैं।
- स्थानीय लोग इसे घुसपैठियों की समस्या मानते हैं।
- चुनाव आयोग ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
जॉय नगर, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल के जॉय नगर विधानसभा क्षेत्र में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के दौरान गंभीर अनियमितताओं के आरोप सामने आए हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि विधायक बिश्वनाथ दास और उनके रिश्तेदार तुहिन विश्वास रात के अंधेरे में बूथ स्तर अधिकारी (बीएलओ) के जरिए एसआईआर का कार्य करवा रहे हैं। हरिनारायणपुर ग्राम पंचायत के बूथ नंबर 29, 30, 31 और 39 पर आधी रात 12 बजे संदिग्ध मतदाताओं को पंचायत कार्यालय लाया गया।
सूत्रों के अनुसार, बिश्वनाथ दास और तुहिन विश्वास खुद मौके पर उपस्थित हैं और इस प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं। उनके साथ जयनगर के कुख्यात बदमाश मुन्ना और आरिफ भी हैं। मुन्ना दिन में भी कमर में बंदूक लटकाकर घूमता है और उसे तुहिन विश्वास का करीबी सहयोगी बताया जाता है। आरोप है कि ये लोग बीएलओ को दबाव में लेकर संदिग्ध मतदाताओं के दस्तावेजों में हेरफेर कर रहे हैं। एसआईआर प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची को साफ-सुथरा बनाने का कार्य चल रहा है, लेकिन इसमें राजनीतिक हस्तक्षेप के आरोप तेज हो गए हैं।
ये घटनाएं मुख्य रूप से दो क्षेत्रों, गाजी पाड़ा और मस्जिद चौक में हो रही हैं, जो गेरहाट के पास नहर किनारे स्थित हैं। यहाँ झुग्गियाँ बनी हुई हैं या प्लास्टिक शीट से अतिक्रमण किया गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ये सभी बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं, जो अवैध रूप से मतदाता सूची में नाम दर्ज करवा चुके हैं। एक शिकायतकर्ता ने बताया, "ये लोग रात में आते हैं ताकि कोई देख न ले। विधायक का दखल एसआईआर में गलत है। बीएलओ का कार्य स्वतंत्र होना चाहिए।"
चुनाव आयोग के एसआईआर अभियान के तहत 4 नवंबर से मतदाता सूची का पुनरीक्षण शुरू हुआ है। बीजेपी इसे घुसपैठियों को हटाने का अवसर बता रही है, जबकि टीएमसी इसे 'राजनीतिक साजिश' करार दे रही है। अभिषेक बनर्जी ने बीजेपी पर बीएलओ को प्रभावित करने का आरोप लगाया है। अब तक चुनाव आयोग से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन स्थानीय स्तर पर शिकायतें बढ़ रही हैं।