क्या आतंकी जुबैर के हांगकांग और अफगान से कनेक्शन हैं? एटीएस की पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे
सारांश
Key Takeaways
- जुबैर हंगरगेकर के हांगकांग और अफगानिस्तान से संबंध हैं।
- उसे एटीएस ने २५ दिसंबर को गिरफ्तार किया।
- जुबैर ने युवाओं को आतंकवाद की ओर आकर्षित करने का प्रयास किया।
- जाँच में पता चला है कि वह एक बड़े हमले की तैयारी कर रहा था।
- उसे ३ जनवरी २०२६ तक पुलिस कस्टडी में रखा जाएगा।
पुणे, २५ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पुणे एटीएस द्वारा गिरफ्तार आतंकी जुबैर हंगरगेकर से जुड़ी जांच में लगातार चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। यह मामला अब और भी गंभीर रूप ले चुका है। एटीएस की प्रारंभिक जांच से यह स्पष्ट हो गया था कि जुबैर किसी साधारण साजिश का हिस्सा नहीं था, बल्कि वह लंबे समय से आतंकी नेटवर्क से जुड़ा हुआ था।
हालिया जांच में उसके हांगकांग और अफगानिस्तान से जुड़े आतंकवादी मॉड्यूल का भी खुलासा हुआ है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता को और बढ़ा दिया है।
वास्तव में, मुंबई के पास ठाणे जिले के पडघा इलाके में एटीएस की रेड के दौरान जुबैर की गतिविधियों को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई थी। यह वही क्षेत्र है, जिसे कुख्यात आतंकी शाकिब नाचन का गढ़ माना जाता है। जांच एजेंसियों का कहना है कि इसी के संपर्क में आकर जुबैर आतंक की राह पर चला। इसके बाद उसने न केवल खुद आतंकवादी गतिविधियों में भाग लिया, बल्कि युवाओं को भी बरगलाकर उन्हें आतंक के रास्ते पर ले जाने और प्रशिक्षण देने का काम शुरू कर दिया।
एटीएस की पूछताछ में जो नया और सबसे चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है, वह यह है कि जुबैर के तार केवल देश के भीतर ही नहीं, बल्कि विदेशों तक फैले हुए थे। जांच में पता चला है कि वह हांगकांग और अफगानिस्तान में मौजूद आतंकियों के संपर्क में था। वह इन विदेशी मॉड्यूल्स के साथ मिलकर देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रच रहा था।
एटीएस को आशंका है कि वह किसी बड़े आतंकवादी हमले की तैयारी में था, जिसे समय पर नाकाम कर दिया गया।
इन गंभीर खुलासों के बाद गुरुवार को एटीएस ने जुबैर को पुनः पुलिस कस्टडी में लिया है, ताकि उससे और गहराई से पूछताछ की जा सके।
पुणे एटीएस ने बुधवार को जुबैर हंगरगेकर को हिरासत में लिया था और अब उसे ३ जनवरी २०२६ तक एटीएस पुणे की कस्टडी में भेज दिया गया है। यूएपीए कानून के तहत किसी आरोपी को कुल ३० दिनों तक पुलिस हिरासत में रखा जा सकता है। जुबैर पहले ही १८ दिनों की हिरासत पूरी कर चुका था और आगे की जांच के लिए बाकी अवधि की मांग की गई थी, जिसे कोर्ट ने मंजूरी दे दी है।
फिलहाल, एटीएस इस पूरे मामले की हर कड़ी को जोड़ने में जुटी है, ताकि आतंकवादी नेटवर्क की जड़ तक पहुंचा जा सके।