क्या भारत का औद्योगिक उत्पादन जून में 1.5 प्रतिशत बढ़ गया?

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क्या भारत का औद्योगिक उत्पादन जून में 1.5 प्रतिशत बढ़ गया?

सारांश

जून में भारत का औद्योगिक उत्पादन 1.5 प्रतिशत बढ़ा है, जो मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के प्रभावी प्रदर्शन का परिणाम है। क्या यह वृद्धि भविष्य के रोजगार और आर्थिक विकास के लिए सकारात्मक संकेत है? जानें इस रिपोर्ट में!

Key Takeaways

  • जून में औद्योगिक उत्पादन 1.5 प्रतिशत बढ़ा।
  • मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का प्रदर्शन बेहतरीन रहा।
  • बुनियादी ढांचा और निर्माण क्षेत्र में 7.9 प्रतिशत की वृद्धि।
  • बिजली और खनन क्षेत्रों में गिरावट आई।
  • उपयोग-आधारित वर्गीकरण में 3.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

नई दिल्ली, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आधार पर, भारत की औद्योगिक वृद्धि दर इस वर्ष जून में 1.5 प्रतिशत रही। इसकी मुख्य वजह मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का उत्कृष्ट प्रदर्शन है। यह जानकारी सांख्यिकी मंत्रालय ने सोमवार को साझा की।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश के विश्वविद्यालयों और इंजीनियरिंग संस्थानों से निकले युवा स्नातकों को गुणवत्तापूर्ण रोजगार उपलब्ध कराने वाले मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने इस वर्ष जून में पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में 3.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है।

जून के दौरान औद्योगिक उत्पादन का समग्र सूचकांक पिछले मई में दर्ज 1.2 प्रतिशत से अधिक रहा।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के 23 में से 15 उद्योग समूहों में पिछले वर्ष के समान महीने की तुलना में जून में वृद्धि सकारात्मक रही है।

आधिकारिक बयान के अनुसार, इस महीने के लिए शीर्ष तीन सकारात्मक योगदानकर्ताओं में 9.6 प्रतिशत की वृद्धि के साथ "मूल धातुओं का निर्माण", 4.2 प्रतिशत की बढ़त के साथ "कोक और रिफाइंड पेट्रोलियम उत्पादों का निर्माण" और "मशीनरी और उपकरणों को छोड़कर फैब्रिकेटेड मेटल प्रोडक्ट्स का निर्माण" समूह 15.2 प्रतिशत की वृद्धि के साथ शामिल हैं।

सरकार द्वारा बताया गया कि उपयोग-आधारित वर्गीकरण के आंकड़े दर्शाते हैं कि पूंजीगत वस्तुओं, जिनमें कारखानों में उपयोग की जाने वाली मशीनें भी शामिल हैं, का उत्पादन जून में 3.5 प्रतिशत बढ़ा। यह सेगमेंट अर्थव्यवस्था में हो रहे वास्तविक निवेश को दर्शाता है, जिससे भविष्य में रोजगार सृजन और आय पर गुणक प्रभाव पड़ता है।

रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशनर और टीवी सेट जैसे कंज्यूमर ड्यूरेबल वस्तुओं के उत्पादन में इस महीने के दौरान 2.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो आय में वृद्धि के साथ इन उत्पादों की मांग में वृद्धि को दर्शाता है।

राजमार्गों, रेलवे और बंदरगाहों में लागू की जा रही बड़ी सरकारी परियोजनाओं के चलते बुनियादी ढांचा और निर्माण क्षेत्र में 7.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

हालांकि, बिजली उत्पादन और खनन क्षेत्र के उत्पादन में इस महीने के दौरान क्रमश: (-) 2.6 प्रतिशत और (-) 8.7 प्रतिशत की गिरावट आई है। खनन और बिजली क्षेत्रों के कमजोर प्रदर्शन ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के सकारात्मक प्रदर्शन को प्रभावित किया।

Point of View

यह कहना उचित है कि भारत का औद्योगिक उत्पादन बढ़ना एक सकारात्मक संकेत है। हालांकि, यह भी ध्यान रखना आवश्यक है कि बिजली और खनन क्षेत्रों में गिरावट ने इस वृद्धि को प्रभावित किया है। हमें सतत विकास की ओर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

भारत का औद्योगिक उत्पादन किस आधार पर मापा जाता है?
भारत का औद्योगिक उत्पादन औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आधार पर मापा जाता है।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में वृद्धि का क्या महत्व है?
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में वृद्धि से गुणवत्तापूर्ण रोजगार उपलब्ध होते हैं और यह आर्थिक विकास में सहायक होता है।
क्या औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि स्थायी है?
हालांकि औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि हुई है, बिजली और खनन क्षेत्रों में गिरावट से यह सवाल उठता है कि क्या यह वृद्धि स्थायी होगी।
सरकार ने औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि के लिए क्या कदम उठाए हैं?
सरकार ने बुनियादी ढांचे में निवेश और सरकारी परियोजनाओं के माध्यम से औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि को प्रोत्साहित किया है।
उपयोग-आधारित वर्गीकरण क्या दर्शाता है?
उपयोग-आधारित वर्गीकरण से पता चलता है कि पूंजीगत वस्तुओं का उत्पादन 3.5 प्रतिशत बढ़ा है, जो वास्तविक निवेश को दर्शाता है।