क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 'संचार साथी' पर उठे सवालों का सही जवाब दिया है?

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क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 'संचार साथी' पर उठे सवालों का सही जवाब दिया है?

सारांश

केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 'संचार साथी' ऐप और पोर्टल के माध्यम से डिजिटल सुरक्षा को लेकर दी गई जानकारी में कहा कि यह प्लेटफॉर्म नागरिकों को सशक्त बनाने का प्रयास है। क्या यह ऐप सच में लोगों की सुरक्षा कर सकता है?

Key Takeaways

  • संचार साथी ऐप और पोर्टल का उद्देश्य नागरिकों को डिजिटल सुरक्षा प्रदान करना है।
  • सरकार ने 1.5 करोड़ फ्रॉड मोबाइल कनेक्शन डिसकनेक्ट किए हैं।
  • 26 लाख चोरी हुए मोबाइल फोन ट्रेस किए गए हैं।
  • इस ऐप के माध्यम से स्नूपिंग संभव नहीं है।
  • नागरिक अपनी इच्छा से ऐप डाउनलोड और उपयोग कर सकते हैं।

नई दिल्ली, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में बुधवार को संचार सुरक्षा और बढ़ते डिजिटल खतरों के संबंध में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दूरसंचार आज देश को दुनिया से जोड़ने का सबसे बड़ा साधन बन चुका है, जिसमें 100 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं। इस स्थिति में, सरकार की जिम्मेदारी है कि वह लोगों को डिजिटल अपराधों और दुरुपयोग से सुरक्षित रखे।

संचार मंत्री ने बताया कि आज मोबाइल और इंटरनेट का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इसके साथ ही कई ऐसे तत्व भी सक्रिय हैं जो इसका दुरुपयोग कर लोगों को ठगी और साइबर अपराधों का शिकार बनाते हैं। सरकार का दायित्व है कि हर नागरिक को इन खतरों से बचाया जाए।

सिंधिया ने कहा कि सरकार ने 2023 में 'संचार साथी' पोर्टल की शुरुआत की थी और 2025 में 'संचार साथी' ऐप लॉन्च किया गया। इन दोनों का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को डिजिटल सुरक्षा का अधिकार देना है। इस ऐप के माध्यम से हर नागरिक न केवल अपने आपको सुरक्षित रख सकता है, बल्कि चोरी हुए फोन की रिपोर्ट भी कर सकता है। इससे अपराध रोकने और मोबाइल नेटवर्क को सुरक्षित बनाने में काफी मदद मिली है।

मंत्री ने बताया कि पोर्टल को अब तक 20 करोड़ हिट मिले हैं और ऐप 1.5 करोड़ बार डाउनलोड किया जा चुका है। उन्होंने कहा, "सरकार ने सॉफ्टवेयर बनाया, लेकिन इसकी सफलता का श्रेय जनता को जाता है। जनता के उपयोग और रिपोर्टिंग के कारण ही यह प्लेटफॉर्म सफल हुआ है।"

सिंधिया ने ऐप और पोर्टल के जरिए मिली बड़ी उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए बताया कि 1.5 करोड़ फ्रॉड मोबाइल कनेक्शन देशभर में डिसकनेक्ट किए जा चुके हैं।

26 लाख चोरी हुए मोबाइल फोन ट्रेस किए गए हैं। 7 लाख फोन उनके असली मालिकों को वापस किए गए हैं। 41 लाख मोबाइल कनेक्शन संदिग्ध गतिविधियों के कारण बंद किए गए हैं। 6 लाख साइबर फ्रॉड नंबर ब्लॉक किए गए हैं।

सिंधिया ने स्पष्ट किया कि यह ऐप किसी पर थोपने का माध्यम नहीं है, बल्कि नागरिक की सुरक्षा के लिए उपलब्ध विकल्प है। जब तक उपभोक्ता खुद ऐप में रजिस्टर नहीं करेगा, यह सक्रिय नहीं होगा।

उन्होंने बताया कि उपभोक्ता अपनी इच्छा से ऐप डाउनलोड कर सकता है या हटा भी सकता है। लोकतंत्र में यह पूर्ण अधिकार नागरिक का है।

ऐप के जरिए निगरानी या जासूसी की आशंका पर सिंधिया ने साफ कहा, "इस ऐप के माध्यम से न तो स्नूपिंग संभव है, न ही कभी होगी। मोदी सरकार नागरिकों को सशक्त बनाना चाहती है, उन पर नजर रखना नहीं चाहती।" उन्होंने कहा कि सरकार जनता से मिले फीडबैक के आधार पर ऐप में और सुधार करने के लिए तैयार है।

Point of View

लेकिन इसे कैसे लागू किया जाएगा, यह देखने वाली बात होगी।
NationPress
07/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या 'संचार साथी' ऐप से स्नूपिंग संभव है?
नहीं, मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्पष्ट किया है कि इस ऐप के माध्यम से स्नूपिंग संभव नहीं है।
कितने मोबाइल कनेक्शन डिसकनेक्ट किए गए हैं?
1.5 करोड़ फ्रॉड मोबाइल कनेक्शन देशभर में डिसकनेक्ट किए गए हैं।
'संचार साथी' ऐप का उद्देश्य क्या है?
'संचार साथी' ऐप का उद्देश्य नागरिकों को डिजिटल सुरक्षा का अधिकार देना है।
क्या नागरिक अपनी इच्छा से ऐप को डाउनलोड कर सकते हैं?
हाँ, नागरिक अपनी इच्छा से ऐप डाउनलोड कर सकते हैं या हटा भी सकते हैं।
क्या यह ऐप थोपने का माध्यम है?
नहीं, यह ऐप नागरिकों की सुरक्षा के लिए एक विकल्प है, जो उनकी इच्छा पर निर्भर करता है।
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