क्या कांवड़ यात्रा की रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए एंटी ड्रोन और टीथर्ड ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है?

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क्या कांवड़ यात्रा की रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए एंटी ड्रोन और टीथर्ड ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है?

सारांश

कांवड़ यात्रा की सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक ड्रोन तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। यह यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि इसकी सुरक्षा भी एक महत्वपूर्ण कार्य है। जानिए कैसे यह ड्रोन रियल टाइम मॉनिटरिंग में सहायक साबित हो रहे हैं।

Key Takeaways

  • कांवड़ यात्रा की सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक ड्रोन तकनीक का उपयोग।
  • २४ घंटे रियल टाइम मॉनिटरिंग की सुविधा।
  • सुरक्षा के लिए विशेष बलों की तैनाती।
  • सोशल मीडिया पर निगरानी और अफवाहों का निवारण।
  • कांवड़ यात्रा के मार्गों पर व्यापक सीसीटीवी कवरेज।

लखनऊ, ११ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांवड़ यात्रा के आयोजन को सुरक्षित, सुगम और सुव्यवस्थित बनाने के लिए अत्याधुनिक एंटी ड्रोन और टीथर्ड ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। इससे पहले भी राम मंदिर के उद्घाटन समारोह और महाकुंभ की सुरक्षा में इसी ड्रोन तकनीक का प्रयोग हुआ था।

कांवड़ यात्रा को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने के लिए एक आधुनिक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जहाँ २४ घंटे रियल टाइम मॉनिटरिंग की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा, यात्रा के मार्ग की भूमि स्तर पर सुरक्षा हेतु एटीएस, आरएएफ और क्यूआरटी जैसे विशेष बलों को तैनात किया गया है। मुख्यमंत्री योगी ने इस यात्रा की तैयारियों की बार-बार समीक्षा की है और निर्देश दिए हैं कि सुरक्षा, चिकित्सा, स्वच्छता, जल व्यवस्था और यातायात प्रबंधन में कोई कमी न हो।

महाकुंभ में की गई सुरक्षा व्यवस्थाओं को मॉडल मानकर कांवड़ यात्रा के मार्गों पर भी समान प्रकार के प्रबंध करने के निर्देश दिए गए थे। मुख्य कांवड़ मार्गों और प्रमुख स्थानों पर २९,४५४ सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके साथ ही, ३०० से अधिक हाइटेक ड्रोन और विशेष रूप से एंटी ड्रोन और टीथर्ड ड्रोन की मदद से रियल-टाइम वीडियो फीड लेकर डीजीपी मुख्यालय से सीधे मॉनिटरिंग की जा रही है। ये टीथर्ड ड्रोन लगातार एक स्थान पर स्थिर रहकर भीड़ की निगरानी करने में सक्षम हैं, जिससे किसी भी प्रकार की आपात स्थिति की त्वरित जानकारी मिल सके।

कांवड़ यात्रा और शिव मंदिरों की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए डीजीपी मुख्यालय में एक आधुनिक कंट्रोल रूम बनाया गया है। यहाँ पर २४ घंटे रियल टाइम मॉनिटरिंग के जरिए पल-पल की नजर रखी जा रही है। इसके अलावा, एक विशेष आठ सदस्यीय टीम २४ घंटे सोशल मीडिया पर गतिविधियों की निगरानी कर रही है। यह टीम सोशल मीडिया पर चलने वाली अफवाहों, भ्रामक सूचनाओं और संवेदनशील पोस्ट की रियल-टाइम मॉनिटरिंग कर रही है तथा संबंधित जिलों को अलर्ट भेज रही है। साथ ही, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से आपत्तिजनक सामग्री हटवाने की कार्यवाही भी की जा रही है।

पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, कांवड़ यात्रा की सुरक्षा के लिए ५८७ राजपत्रित अधिकारी, २,०४० निरीक्षक, १३,५२० उपनिरीक्षक और ३९,९६५ आरक्षियों को ड्यूटी पर लगाया गया है। इसके साथ ही १,४८६ महिला उपनिरीक्षक और ८,५४१ महिला आरक्षी, ५० कंपनियां पीएसी, केंद्रीय बल और १,४२४ होमगार्ड्स भी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, अंतरराज्यीय समन्वय के लिए उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के अधिकारियों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। इस ग्रुप के जरिए रियल-टाइम सूचना आदान-प्रदान, मार्गों की स्थिति, सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण से जुड़ी जानकारियां साझा की जा रही हैं।

Point of View

सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। तकनीकी उपायों का उपयोग कर, हम न केवल यात्रा की सुरक्षा को मजबूत कर सकते हैं, बल्कि श्रद्धालुओं की आस्था का भी सम्मान कर सकते हैं।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

कांवड़ यात्रा के दौरान सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाती है?
कांवड़ यात्रा के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एंटी ड्रोन और टीथर्ड ड्रोन का उपयोग किया जाता है, साथ ही विशेष बलों को भी तैनात किया जाता है।
कांवड़ यात्रा में कितने सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं?
मुख्य कांवड़ मार्गों और प्रमुख स्थानों पर 29,454 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
सोशल मीडिया पर निगरानी कैसे की जाती है?
एक विशेष टीम सोशल मीडिया की गतिविधियों की रियल टाइम मॉनिटरिंग करती है और अफवाहों का तत्काल संज्ञान लेती है।
कांवड़ यात्रा के लिए कितने पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं?
कांवड़ यात्रा की सुरक्षा के लिए 58७ राजपत्रित अधिकारी, 2040 निरीक्षक और 39,965 आरक्षियों को तैनात किया गया है।
क्या एंटी ड्रोन का उपयोग पहले भी किया गया है?
हाँ, एंटी ड्रोन का उपयोग राम मंदिर के उद्घाटन समारोह और महाकुंभ की सुरक्षा में भी किया गया था।