क्या अमरनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं का तांता बढ़ता जा रहा है?

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क्या अमरनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं का तांता बढ़ता जा रहा है?

सारांश

अमरनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या 20 दिनों में 3.31 लाख को पार कर चुकी है। सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करते हुए, श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। जानिए इस यात्रा के बारे में और क्या खास है इस साल की यात्रा में।

Key Takeaways

  • अमरनाथ यात्रा में 3.31 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
  • यात्रा 3 जुलाई से शुरू हुई थी।
  • छड़ी मुबारक का भूमि पूजन 10 जुलाई को हुआ।
  • यात्रा 9 अगस्त को समाप्त होगी।
  • सुरक्षा के लिए अतिरिक्त 180 कंपनियाँ तैनात की गई हैं।

श्रीनगर, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अमरनाथ यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या ने 20 दिनों में 3.31 लाख का आंकड़ा पार कर लिया है। बुधवार को भी बड़ी संख्या में लोग दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।

अधिकारियों के अनुसार, 3 जुलाई को अमरनाथ यात्रा की शुरुआत के बाद से अब तक 20 दिन में 3.31 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन किए हैं।

आज सुबह जम्मू शहर से 2,837 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था 118 गाड़ियों के दो सुरक्षा घेरे में रवाना हुआ। पहले काफिले में 49 गाड़ियाँ थीं, जिसमें 1,036 तीर्थयात्री शामिल थे, जो सुबह 3:25 बजे बालटाल बेस कैंप के लिए गए। दूसरे काफिले में 69 गाड़ियाँ थीं, जिसमें 1,801 तीर्थयात्री पहलगाम बेस कैंप की ओर सुबह 3:58 बजे रवाना हुए।

श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, क्योंकि सुरक्षा काफिले के साथ आने वाले तीर्थयात्रियों की तुलना में सीधे बेस कैंप पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या ज्यादा है। ये श्रद्धालु वहां पहुँचकर पंजीकरण कराते हैं और फिर गुफा मंदिर की यात्रा आरंभ करते हैं।

छड़ी मुबारक (भगवान शिव की पवित्र छड़ी) का भूमि पूजन 10 जुलाई को पहलगाम में किया गया।

इस छड़ी को इसके एकमात्र संरक्षक महंत स्वामी दीपेन्द्र गिरि की अगुवाई में साधुओं के एक समूह ने श्रीनगर के दशनामी अखाड़ा भवन से पहलगाम ले जाया।

पहलगाम में छड़ी मुबारक को पहले गौरी शंकर मंदिर ले जाया गया, जहां इसका भूमि पूजन किया गया। इसके बाद इसे वापस श्रीनगर के दशनामी अखाड़ा भवन में रखा गया। अब यह 4 अगस्त को श्रीनगर से गुफा मंदिर की ओर अपनी अंतिम यात्रा शुरू करेगी और 9 अगस्त को पवित्र गुफा मंदिर पहुंचेगी, जिसके साथ ही अमरनाथ यात्रा का आधिकारिक समापन होगा।

यह यात्रा एक व्यापक बहु-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के तहत हो रही है, क्योंकि यह 22 अप्रैल के कायरतापूर्ण हमले के बाद हो रही है। उस हमले में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने पहलगाम के बैसरन मैदान में 26 नागरिकों की हत्या कर दी थी।

अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस के साथ-साथ सीएपीएफ की 180 अतिरिक्त कंपनियाँ भेजी गई हैं। इसके अतिरिक्त, सेना ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए इस साल 8,000 से ज्यादा विशेष कमांडो भी तैनात किए हैं।

अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई को शुरू हुई थी और 38 दिनों बाद 9 अगस्त को समाप्त होगी। यह दिन श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन का पर्व भी है।

Point of View

साथ ही यात्रा के दौरान उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करें। यह यात्रा सिर्फ धार्मिक आस्था का स्थल नहीं, बल्कि एक सामाजिक एकता का प्रतीक भी है।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

अमरनाथ यात्रा कब शुरू हुई?
अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई को शुरू हुई थी।
इस साल कितने श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा में शामिल हुए?
इस साल 20 दिनों में 3.31 लाख श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा में शामिल हुए हैं।
छड़ी मुबारक का भूमि पूजन कब किया गया?
छड़ी मुबारक का भूमि पूजन 10 जुलाई को किया गया था।
अमरनाथ यात्रा का समापन कब होगा?
अमरनाथ यात्रा 9 अगस्त को समाप्त होगी।
अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा के लिए कौन सी एजेंसियाँ तैनात हैं?
अमरनाथ यात्रा के दौरान सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस तैनात हैं।