क्या गुरुग्राम में ईडी की कार्रवाई से रामप्रस्थ डेवलपर्स के निदेशकों पर 1100 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप सही है?

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क्या गुरुग्राम में ईडी की कार्रवाई से रामप्रस्थ डेवलपर्स के निदेशकों पर 1100 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप सही है?

सारांश

गुरुग्राम में प्रवर्तन निदेशालय ने रामप्रस्थ डेवलपर्स के निदेशकों पर 1100 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। क्या यह आरोप सही है? जानिए पूरी कहानी और इसके पीछे के तथ्यों को।

Key Takeaways

  • आरपीडीपीएल पर 1,100 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप।
  • ईडी ने दो निदेशकों को गिरफ्तार किया।
  • 2008-2011 में प्रोजेक्ट लॉन्च किए गए थे।
  • ईडी ने तलाशी में महत्वपूर्ण सबूत जब्त किए।
  • गंभीर आर्थिक अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई।

गुरुग्राम, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के गुरुग्राम क्षेत्रीय कार्यालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में रामप्रस्थ प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (आरपीडीपीएल) के दो निदेशकों, अरविंद वालिया और संदीप यादव, को 21 जुलाई को गिरफ्तार किया। उन पर 2,000 से अधिक होमबायर्स से 1,100 करोड़ रुपये एकत्रित करने और 14 वर्षों से अधिक समय तक फ्लैट्स और प्लॉट्स का मालिकाना हक न देने का गंभीर आरोप है।

दोनों को गुरुग्राम की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें 25 जुलाई तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया। ईडी ने दिल्ली की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) और हरियाणा पुलिस द्वारा दर्ज कई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। इनमें यह आरोप लगाया गया था कि आरपीडीपीएल और उसके निदेशकों ने होमबायर्स को निर्धारित समय में फ्लैट्स और प्लॉट्स नहीं देकर धोखा दिया।

कंपनी ने 2008-2011 के बीच गुरुग्राम के सेक्टर 37डी, 92 और 95 में प्रोजेक्ट एज, स्काईज, राइज और रामप्रस्थ सिटी जैसे प्रोजेक्ट शुरू किए थे, जिनमें 3-4 वर्षों में कब्जा देने का वादा किया गया था। ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि आरपीडीपीएल ने 2,000 से अधिक होमबायर्स से लगभग 1,100 करोड़ रुपये एकत्रित किए।

कंपनी के निदेशकों ने इनमें से 140 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को प्रोजेक्ट पूरा करने के बजाय अपनी समूह कंपनियों में भूमि खरीदने जैसे कार्यों में डायवर्ट कर दिया। झूठे वादों और गलत जानकारी देकर कंपनी ने होमबायर्स को ठगा, जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ।

21 जुलाई को ईडी ने दिल्ली और गुरुग्राम में तीन ठिकानों पर तलाशी ली, जिसमें कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल सबूत जब्त किए गए। तलाशी के दौरान 18 लाख रुपये की नकदी और कंपनी के निदेशकों द्वारा निजी उपयोग के लिए रखी गईं छह लग्जरी कारें जब्त की गईं। इसके अलावा, तीन बैंक लॉकर और 34 बैंक खातों में जमा करोड़ों रुपये की राशि को फ्रीज किया गया।

इससे पहले, 11 जुलाई को कंपनी और उसकी सहयोगी कंपनियों की 681.54 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति को अस्थायी रूप से कुर्क किया गया था। ईडी इस मामले में गहन जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी में है।

Point of View

बल्कि यह होमबायर्स के अधिकारों की रक्षा के लिए भी जरूरी है। हमें इस मुद्दे पर ध्यान देने की आवश्यकता है कि कैसे कुछ कंपनियों ने जनता को धोखा दिया है।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

आरपीडीपीएल के निदेशकों को क्यों गिरफ्तार किया गया?
उन्हें 1,100 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, जिसमें उन्होंने 2,000 से अधिक होमबायर्स से पैसे लेकर फ्लैट्स और प्लॉट्स का मालिकाना हक नहीं दिया।
ईडी की जांच कब शुरू हुई?
ईडी ने दिल्ली और हरियाणा पुलिस द्वारा दर्ज कई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी।
कंपनी ने कितने प्रोजेक्ट लॉन्च किए थे?
कंपनी ने 2008-2011 के बीच कई प्रोजेक्ट लॉन्च किए थे, जिनमें फ्लैट्स और प्लॉट्स देने का वादा किया गया था।
ईडी ने तलाशी के दौरान क्या जब्त किया?
ईडी ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, 18 लाख रुपये की नकदी और छह लग्जरी कारें जब्त की हैं।