क्या कैलाश विजयवर्गीय ने राहुल-प्रियंका पर अपने बयान पर सफाई दी?

सारांश
Key Takeaways
- कैलाश विजयवर्गीय का बयान विवादास्पद रहा है।
- उन्होंने हर रिश्ते की पवित्रता पर जोर दिया।
- कांग्रेस का विरोध राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।
- उन्होंने भारतीय और विदेशी संस्कृति का उल्लेख किया।
- प्रधानमंत्री मोदी को उनके विचारों का सबसे बड़ा वैज्ञानिक बताया।
भोपाल, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी के बारे में की गई टिप्पणी पर मध्य प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सफाई देते हुए कहा कि हर रिश्ता पवित्र है, मैंने तो भारतीय और विदेशी संस्कृति की बात की थी, जो मर्यादा से संबंधित थी।
अभी हाल ही में, पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर विजयवर्गीय ने राहुल और प्रियंका के प्रति एक टिप्पणी की थी, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया। उन्होंने कहा कि पं उपाध्याय की जयंती थी और वह विदेशी संस्कृति पर चर्चा कर रहे थे। पं उपाध्याय का एकात्म मानव दर्शन भारतीय संस्कृति और परंपरा के अनुरूप है। मैं किसी रिश्ते की पवित्रता पर सवाल नहीं उठा रहा हूं। सभी रिश्ते पवित्र हैं - भाई-बहन, पति-पत्नी, बाप-बेटे - पर हर रिश्ते की एक मर्यादा होती है, और मैंने उसी पर जोर दिया है। विदेशों में ये सब चलता है, लेकिन हमारे यहां यह नहीं चलता।
मंत्री विजयवर्गीय ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान सवाल उठाया, "क्या आप अपनी बहन को चौराहे पर इस तरह आलिंगन करते हैं? बाकी हमारे प्रेम के रिश्ते हैं। मैं भी अपनी बहन का सिर चूमता हूँ। मैंने कहीं भी रिश्ते की पवित्रता पर कोई सवाल नहीं उठाए हैं।"
उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने भारतीय और विदेशी संस्कृति की तुलना की थी। पूंजी संस्कृति और साम्यवाद विदेशी विचार हैं, जबकि पं. उपाध्याय का मानव दर्शन स्वदेशी है और भारतीय मिट्टी की खुशबू है। देश का विकास हमारी विचारधारा के अनुसार होना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दृष्टिकोण के सबसे बड़े वैज्ञानिक हैं।
वास्तव में, विजयवर्गीय ने एक बयान दिया था जिसमें राहुल और प्रियंका को लेकर टिप्पणी की गई थी। इस पर कांग्रेस ने तीखा विरोध दर्ज कराया है। प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस बयान पर सवाल उठाए और कांग्रेस ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया है।