क्या काली उड़द की दाल सेहत और स्वाद का खजाना है?

सारांश
Key Takeaways
- काली उड़द दाल प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होती है।
- यह हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करती है।
- पाचन तंत्र को सुधारती है और कब्ज से राहत दिलाती है।
- यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करती है।
- संयमित मात्रा में सेवन करना चाहिए।
नई दिल्ली, २५ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। रसोईघर में दालों का विशेष स्थान है, जिसमें चने, मूंग, रहर के साथ-साथ काली उड़द दाल का भी खास महत्व है। यह दाल न केवल स्वाद के लिए, बल्कि पौष्टिक गुणों के लिए भी प्रसिद्ध है। काले छिलके वाली यह दाल प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन बी-६, आयरन, फोलिक एसिड, कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों का खजाना है।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, काली उड़द की दाल स्वास्थ्य, बेहतर पाचन और दैनिक ऊर्जा के लिए एक शक्तिशाली आहार है। इसे अपने खाने में शामिल करने से कई फायदे मिलते हैं। काली उड़द में मौजूद मैग्नीशियम और पोटैशियम हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने और रक्त दबाव को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यह नर्वस सिस्टम को मजबूत करती है और तनाव एवं चिंता को कम करती है।
फाइबर से भरपूर यह दाल पाचन तंत्र को दुरुस्त रखती है और कब्ज की समस्या से राहत दिलाती है। यह चयापचय को बढ़ाकर ऊर्जा स्तर को बनाए रखती है।
आयुर्वेद में काली उड़द की दाल को कई फायदों वाली दाल के रूप में जाना जाता है। इसकी ठंडी तासीर के कारण यह सिरदर्द, नकसीर, जोड़ों के दर्द, लिवर की सूजन, अल्सर, बुखार जैसी समस्याओं में लाभकारी है। यह सूजन को कम करती है और प्रजनन स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है। यही नहीं, यह शरीर से अतिरिक्त पानी और विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करती है, जिससे किडनी बेहतर तरीके से काम करती है।
कैल्शियम और प्रोटीन से युक्त काली उड़द की दाल हड्डियों और मांसपेशियों को भी मजबूत करती है।
काली उड़द दाल अत्यंत लाभकारी है; यह न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि सेहत का खजाना भी है। यह हृदय, पाचन, हड्डियों और तंत्रिका तंत्र को मजबूत करती है और कई बीमारियों में औषधि की तरह काम करती है। हालांकि, इसका सेवन संयमित और अपनी शारीरिक स्थिति के अनुसार करना चाहिए। हेल्थ एक्सपर्ट कुछ सावधानियां बरतने की सलाह देते हैं। इसके अधिक सेवन से वात और अपच, पेट फूलने की समस्या हो सकती है। इसे संतुलित मात्रा में खाना चाहिए।
काली उड़द दाल को दाल, खिचड़ी, वड़ा, डोसा या पापड़ के रूप में खाया जा सकता है। इसे हल्के मसालों और घी के साथ पकाने से स्वाद और पोषण दोनों बढ़ते हैं।