क्या कन्नड़ अभिनेता राजू तालिकोटे का निधन कन्नड़ सिनेमा के लिए एक बड़ी क्षति है?

सारांश
Key Takeaways
- राजू तालिकोटे का निधन कन्नड़ फिल्म उद्योग के लिए एक बहुत बड़ी हानि है।
- उन्हें धारवाड़ रंगायन के निदेशक के रूप में जाना जाता था।
- उनके परिवार में दो पत्नियां और पाँच बच्चे हैं।
- उनका अंतिम संस्कार चिक्कासिंदगी गांव में होगा।
- उपमुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
बेंगलुरु, १३ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रसिद्ध कन्नड़ अभिनेता और रंगमंच के कलाकार राजू तालिकोटे (५९) का सोमवार को कर्नाटक के उडुपी जिले में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
धारवाड़ रंगायन के निदेशक राजू तालिकोटे ने रंगमंच और सिनेमा में अपनी पहचान बनाई थी।
उनके परिवार में दो पत्नियां, दो बेटे और तीन बेटियां हैं। उनके बेटे भरत ने जानकारी दी कि राजू तालिकोटे को पहले भी दिल का दौरा पड़ा था और उनका इलाज किया गया था। लेकिन, इस बार उन्हें फिर से दिल का दौरा पड़ा और उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
भरत ने बताया कि हमारे पिता की दो पत्नियां थीं, लेकिन हम सभी एक साथ सौहार्दपूर्ण तरीके से बड़े हुए हैं।
परिवार ने अंतिम संस्कार चिक्कासिंदगी गांव में करने की जानकारी दी है।
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, "यह बहुत ही दुखद है कि प्रसिद्ध रंगमंच अभिनेता, हास्य अभिनेता और धारवाड़ रंगायन के निदेशक राजू तालिकोटे का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। कन्नड़ फिल्म उद्योग के लिए यह एक बड़ी हानि है।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं प्रार्थना करता हूं कि भगवान राजू तालिकोटे की आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवार को इस दुख को सहन करने की शक्ति दें।"
पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा सांसद बसवराज बोम्मई ने कहा, "लोकप्रिय कन्नड़ रंगमंच कलाकार राजू तालिकोटे के निधन से मैं बहुत दुखी हूं। एक हास्य अभिनेता के रूप में उन्होंने अपने नाटकों के माध्यम से लोगों का प्यार जीता है, और उन्होंने फिल्म उद्योग में भी अपनी छाप छोड़ी है।"
उन्होंने कहा, "धारवाड़ रंगायन के निदेशक के रूप में उनका असामयिक निधन कला के क्षेत्र में एक अपूरणीय हानि है। मैं प्रार्थना करता हूं कि ईश्वर उनके परिवार और प्रशंसकों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।"
राजू तालिकोटे का जन्म १९६५ में हुआ था। चूंकि उनका जन्म और पालन-पोषण तालीकोट में हुआ था, इसलिए वे राजू तालिकोटे के नाम से प्रसिद्ध हुए और इसी नाम से उन्होंने रंगमंच और सिनेमा में ख्याति प्राप्त की।
राजू तालिकोटे की पहली पत्नी प्रेमा थीं, जिनसे उनके दो बेटे और एक बेटी हुई। उनकी दूसरी पत्नी सिंधनूर की प्रेमा थीं, जिनसे उनकी दो बेटियां थीं, जिनके नाम शाजीदा और शब्बू हैं।