क्या कर्नाटक सीएम पद विवाद में जगद्गुरु का बयान महत्वपूर्ण है?

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क्या कर्नाटक सीएम पद विवाद में जगद्गुरु का बयान महत्वपूर्ण है?

सारांश

कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही खींचतान पर जगद्गुरु चन्ना सिद्धराम पंडिताराध्य का बयान महत्वपूर्ण हो गया है। उन्होंने हाइकमान से अपील की है कि अगर कोई समझौता हुआ है, तो उसे लागू किया जाना चाहिए। क्या डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री पद देने का समय आ गया है?

Key Takeaways

  • जगद्गुरु चन्ना सिद्धराम पंडिताराध्य का बयान कर्नाटक में महत्वपूर्ण है।
  • डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच विवाद जारी है।
  • राज्य के विकास पर ध्यान देना आवश्यक है।
  • हाइकमान को समझौते को लागू करना चाहिए।
  • कांग्रेस में मतभेद के चलते स्थिति जटिल हो रही है।

बागलकोट, 16 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। श्रीशैल पीठ के जगद्गुरु चन्ना सिद्धराम पंडिताराध्य ने कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही खींचतान पर महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार गठन के समय मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई आपसी समझौता हुआ था, तो हाइकमान को अब उस समझौते को लागू करना चाहिए। यदि सहमति बन जाती है तो आलाकमान को डीके को मुख्यमंत्री पद देना चाहिए।

श्रीशैल पीठ के जगद्गुरु चन्ना सिद्धराम पंडिताराध्य बागलकोट के अमीनगड में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद को लेकर डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच प्रतिस्पर्धा है, लेकिन यदि पहले से कोई सहमति बनी थी, तो उसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, "हमारे पास यह जानकारी नहीं है कि सरकार गठन के समय क्या समझौता हुआ था, लेकिन यदि कोई सहमति बनी थी, तो उसे लागू किया जाना चाहिए। डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया दोनों ही अनुभवी और कुशल राजनेता हैं।"

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के विकास पर ध्यान केंद्रित करना सभी नेताओं की प्राथमिकता होनी चाहिए, न कि सत्ता को लेकर खींचतान।

यह बयान ऐसे समय आया है, जब कांग्रेस के भीतर मुख्यमंत्री पद को लेकर मतभेद की चर्चा तेज हो रही है। कर्नाटक में कांग्रेस सरकार को ढाई साल होने वाले हैं। ऐसे में डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने के लिए कांग्रेस विधायकों का एक धड़ा 'ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री' फॉर्मूले की याद दिलाता है, जबकि सिद्धारमैया के पक्ष में खड़े विधायक नेतृत्व परिवर्तन से स्पष्ट मना करते हैं। उनका दावा है कि सिद्धारमैया 5 साल तक मुख्यमंत्री रहेंगे।

2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाया गया, लेकिन डीके शिवकुमार उस समय रेस में आगे थे। बीते दो साल में अक्सर डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने की मांग उठती रही है। हालाँकि, पिछले कुछ दिनों से कर्नाटक में इसको लेकर खींचतान जारी है।

Point of View

नेताओं को राज्य के विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। यह एक ऐसा मुद्दा है जो न केवल कर्नाटक, बल्कि पूरे देश के लिए निगरानी योग्य है।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद क्यों है?
कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच प्रतिस्पर्धा चल रही है, जिसके कारण विवाद उत्पन्न हो रहा है।
जगद्गुरु चन्ना सिद्धराम पंडिताराध्य का क्या कहना है?
जगद्गुरु ने कहा कि यदि सरकार गठन के समय कोई समझौता हुआ था, तो हाइकमान को उसे लागू करना चाहिए।
कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर क्या स्थिति है?
कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर मतभेद की चर्चा चल रही है, जिसमें डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया शामिल हैं।
क्या डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा?
यह स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन जगद्गुरु का बयान इस मुद्दे पर एक नया मोड़ दे सकता है।
राज्य के विकास पर नेताओं को ध्यान क्यों देना चाहिए?
राज्य के विकास पर ध्यान केंद्रित करना सभी नेताओं की प्राथमिकता होनी चाहिए, न कि सत्ता की खींचतान।