क्या कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राहुल गांधी के आरोपों का जवाब दिया?

सारांश
Key Takeaways
- कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने पारदर्शिता पर जोर दिया।
- राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए।
- कांग्रेस के पास कोई वैध कानूनी उपाय उपलब्ध नहीं है।
- चुनावों में पारदर्शिता बनाए रखना आवश्यक है।
- आरोपों की सच्चाई का पता लगाना लोकतंत्र की जिम्मेदारी है।
बेंगलुरु, 24 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ दिए गए अनुचित और धमकी भरे बयान का उत्तर दिया है। उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट पारदर्शी तरीके से बनाई गई है, और इसकी प्रतियां मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ साझा की गई हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा कि कर्नाटक लोकसभा 2024 की वोटिंग लिस्ट से संबंधित किसी भी अपील का दायर नहीं किया गया है। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम-1950 की धारा 24 के तहत कांग्रेस के पास कोई वैध कानूनी उपाय नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के संचालन के संदर्भ में, 10 चुनाव याचिकाओं में से किसी भी हारने वाले कांग्रेसी उम्मीदवार ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा 80 के तहत एक भी चुनाव याचिका नहीं दाखिल की है। चुनाव आयोग इस बात पर आश्चर्य व्यक्त करता है कि मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ इस तरह के निराधार और धमकी भरे आरोप क्यों लगाए जा रहे हैं।
इससे पहले, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा था कि हिंदुस्तान में चुनावों में धांधली की जा रही है, और उन्होंने महाराष्ट्र में मैच फिक्सिंग का उदाहरण दिया। कर्नाटक की एक लोकसभा सीट पर वोट चोरी का बड़ा मामला सामने आया है, जिसे जल्द जनता के सामने लाने का वादा किया गया है।