क्या पूर्व मंत्री बी नागेंद्र की 8.07 करोड़ की संपत्ति कुर्क की गई?

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क्या पूर्व मंत्री बी नागेंद्र की 8.07 करोड़ की संपत्ति कुर्क की गई?

सारांश

बेंगलुरु में प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व मंत्री बी नागेंद्र की संपत्तियों को कुर्क किया है। यह कार्रवाई केएमवीएसटीडीसीएल फंड में गबन और हेराफेरी के आरोपों के चलते की गई है। जानें पूरी खबर और इसके पीछे की कहानी।

Key Takeaways

  • ईडी ने बी नागेंद्र की 8.07 करोड़ की संपत्तियां कुर्क की हैं।
  • यह कार्रवाई केएमवीएसटीडीसीएल फंड में गबन के आरोपों के चलते की गई।
  • कुर्क की गई संपत्तियों में आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियां शामिल हैं।
  • जांच एजेंसी ने पहले भी कई राज्यों में तलाशी अभियान चलाया था।
  • इस मामले में आगे की जांच अभी भी जारी है।

बेंगलुरु, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के बेंगलुरु क्षेत्रीय कार्यालय ने कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम (केएमवीएसटीडीसीएल) के फंड में कथित गबन और हेराफेरी के मामले में महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत पूर्व मंत्री बी नागेंद्र की लगभग 8.07 करोड़ रुपए की चार अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर दिया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने यह जानकारी शुक्रवार को साझा की।

कुर्क की गई संपत्तियों में आवासीय एवं वाणिज्यिक जमीन और इमारतें शामिल हैं।

ईडी द्वारा जारी प्रेस नोट में यह स्पष्ट किया गया है कि यह कार्रवाई उन मामलों की जांच का हिस्सा है, जिनमें कर्नाटक पुलिस और सीबीआई, बेंगलुरु की बैंकिंग सिक्योरिटीज एंड फ्रॉड ब्रांच ने केएमवीएसटीडीसीएल फंड के दुरुपयोग तथा धन के गैरकानूनी हस्तांतरण को लेकर कई एफआईआर दर्ज की थीं। शिकायतों के अनुसार, निगम के लिए जारी धनराशि का उपयोग अनुसूचित जनजाति समुदायों के कल्याण के बजाय निजी फायदे और अवैध लेनदेन में किया गया।

फंड घोटाले के संदर्भ में, ईडी ने पहले कर्नाटक सहित कई राज्यों में तलाशी अभियान चलाया था और इसके बाद बी नागेंद्र सहित 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद 9 सितंबर 2024 को 25 आरोपियों और संबंधित संस्थाओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने अभियोजन शिकायत दाखिल की, जिसमें बी नागेंद्र को भी आरोपी बनाया गया। 5 अक्टूबर 2024 को बेंगलुरु की अदालत ने इस शिकायत पर संज्ञान भी ले लिया।

इससे पहले, ईडी ने 26 अगस्त को एक अस्थायी कुर्की आदेश जारी कर अन्य आरोपियों की लगभग 4.94 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्तियों को अटैच किया था। जांच एजेंसी के अनुसार, बी नागेंद्र द्वारा कथित रूप से जुटाई गई अपराध से अर्जित कमाई का कुछ हिस्सा अब तक नहीं मिल पाया है। आशंका है कि यह रकम या तो पहले ही खर्च कर दी गई, या फिर उसे छिपा दिया गया, ताकि भविष्य की किसी कानूनी कार्रवाई के दौरान उस तक पहुंच न हो सके। इसी कारण ईडी ने बराबर मूल्य की संपत्तियों को कुर्क करने का कदम उठाया, ताकि आगे की कार्यवाही निर्धारित विधिक प्रक्रिया के अनुरूप चल सके और संपत्ति के नष्ट या गायब होने की स्थिति से बचा जा सके।

जांच एजेंसी ने यह स्पष्ट किया कि इस मामले में आगे की जांच अभी जारी है।

Point of View

खासकर जब बात भ्रष्टाचार और वित्तीय अनुशासन की होती है। इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकारी फंड के दुरुपयोग को सहन नहीं किया जाएगा। यह एक सकारात्मक संकेत है कि कानून अपना काम कर रहा है।
NationPress
19/12/2025

Frequently Asked Questions

ईडी ने बी नागेंद्र की संपत्तियों को क्यों कुर्क किया?
ईडी ने उन्हें कथित गबन और हेराफेरी के मामले में कुर्क किया है, जिसमें केएमवीएसटीडीसीएल के फंड का दुरुपयोग किया गया था।
कुर्क की गई संपत्तियों में क्या शामिल है?
कुर्क की गई संपत्तियों में आवासीय और वाणिज्यिक जमीन और इमारतें शामिल हैं।
क्या ईडी की जांच अभी जारी है?
हां, ईडी ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में आगे की जांच अभी जारी है।
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