क्या करूर भगदड़ में मृतकों की संख्या 40 हुई? टीवीके ने जांच के लिए मद्रास हाईकोर्ट का किया रुख

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क्या करूर भगदड़ में मृतकों की संख्या 40 हुई? टीवीके ने जांच के लिए मद्रास हाईकोर्ट का किया रुख

सारांश

करूर में हुई भगदड़ ने 40 लोगों की जान ले ली है। टीवीके ने इस त्रासदी की स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। जानिए इस घटना के पीछे की सच्चाई और क्या कार्रवाई की जा रही है।

Key Takeaways

  • करूर भगदड़ में 40 लोगों की मौत हुई।
  • टीवीके ने स्वतंत्र जांच की मांग की है।
  • मुख्यमंत्री ने पीड़ितों के लिए मुआवजे की घोषणा की।
  • जांच आयोग का गठन किया गया है।
  • सुरक्षा व्यवस्था में खामियों के आरोप लगे हैं।

चेन्नई, 28 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेता और तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) के अध्यक्ष विजय की करूर में चुनावी रैली के दौरान हुई भगदड़ के संदर्भ में, पार्टी ने इस भयानक घटना की स्वतंत्र और पारदर्शी जांच की मांग करते हुए मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

टीवीके के उप महासचिव सीटीआर निर्मल कुमार ने रविवार को कहा कि पार्टी की याचिका को मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ के समक्ष सोमवार को दोपहर 2.15 बजे तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

निर्मल कुमार ने संवाददाताओं से कहा, "करूर त्रासदी की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग वाली हमारी याचिका पर 29 सितंबर को दोपहर में मदुरै पीठ के समक्ष सुनवाई होगी।"

इससे पहले, निर्मल कुमार के नेतृत्व में टीवीके वकीलों की एक टीम ने न्यायमूर्ति एम. धंदापानी के आवास का दौरा किया और पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए न्यायिक हस्तक्षेप का आग्रह किया।

टीम ने घटना की गंभीरता और भीड़ प्रबंधन एवं सुरक्षा व्यवस्था में जवाबदेही की आवश्यकता का हवाला देते हुए अदालत से स्वतंत्र जांच का निर्देश देने का अनुरोध किया।

यह भगदड़ शनिवार देर शाम करूर के वेलुसामीपुरम में विजय की जनसंपर्क रैली के दौरान हुई।

आधी रात को करूर पहुंचे मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि ऐसी त्रासदी फिर कभी नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने घोषणा की कि सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति अरुणा जगदीशन के नेतृत्व में न्यायिक आयोग इस घटना की गहन जांच करेगा।

सीएम स्टालिन ने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपए और घायलों को 1 लाख रुपए देने की घोषणा की।

विपक्ष के नेता और अन्नाद्रमुक महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने घायलों से मुलाकात की और राज्य सरकार पर सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर खामियों का आरोप लगाया।

उन्होंने आरोप लगाया, "भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा प्रोटोकॉल की उचित अनदेखी की गई। यह एक मानव निर्मित आपदा है।"

उन्होंने सरकार से जवाबदेही तय करने का आग्रह किया।

वहीं, 40 मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम पूरा होने और उन्हें उनके परिजनों को सौंपने के बाद जांच आयोग की प्रमुख अरुणा जगदीशन वर्तमान में करूर में उस जगह का निरीक्षण कर रही हैं, जहां टीवीके का अभियान चल रहा था।

निरीक्षण के दौरान करूर के स्थानीय निवासियों ने जांच आयोग के अधिकारी से शिकायत की कि आयोजकों ने यह जानते हुए भी कि बड़ी भीड़ इकट्ठा होगी, पर्याप्त जगह या सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई।

अधिकारी ने जनता द्वारा उठाई गई शिकायतों को धैर्यपूर्वक सुना। जनता ने कुछ और मुद्दे भी उठाए, जिनमें बिजली कटौती और एम्बुलेंस की कमी जैसी शिकायतें शामिल थीं। अधिकारी अरुणा ने कहा कि इन मामलों की आगे जांच की जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी।

Point of View

यह स्पष्ट है कि करूर भगदड़ ने एक गंभीर सवाल उठाया है - क्या हमारी सुरक्षा व्यवस्था इस तरह की घटनाओं को रोकने में सक्षम है? हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी त्रासदियां भविष्य में न हों।
NationPress
29/12/2025

Frequently Asked Questions

करूर भगदड़ में कितने लोग मारे गए?
करूर भगदड़ में मृतकों की संख्या 40 हो गई है।
टीवीके ने किस अदालत में याचिका दायर की है?
टीवीके ने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवारों के लिए क्या घोषणा की?
मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपए और घायलों को 1 लाख रुपए देने की घोषणा की।
क्या जांच आयोग का गठन किया गया है?
हां, सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति अरुणा जगदीशन के नेतृत्व में जांच आयोग का गठन किया गया है।
घटना के दौरान क्या सुरक्षा व्यवस्था में खामियां थीं?
विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा प्रोटोकॉल की उचित अनदेखी की गई।
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