क्या करूर भगदड़ पर डीएमके और टीवीके आमने-सामने हैं? इलंगोवन का सवाल-सच उजागर होने का डर क्यों?

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क्या करूर भगदड़ पर डीएमके और टीवीके आमने-सामने हैं? इलंगोवन का सवाल-सच उजागर होने का डर क्यों?

सारांश

करूर भगदड़ हादसे के बाद डीएमके और टीवीके के बीच राजनीतिक टकराव बढ़ गया है। टीवीके प्रमुख विजय ने सरकार पर आरोप लगाए हैं, जबकि डीएमके ने घटनाओं की जांच के लिए आयोग का गठन किया है। क्या यह राजनीतिक प्रतिशोध है या कुछ और?

Key Takeaways

  • करूर भगदड़ में 41 लोगों की मौत हुई थी।
  • डीएमके ने जांच आयोग का गठन किया।
  • टीवीके ने सरकार पर राजनीति का आरोप लगाया।
  • घटना ने तमिलनाडु की राजनीति को प्रभावित किया।
  • सच्चाई का पता लगाने की आवश्यकता है।

चेन्नई, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। करूर भगदड़ घटना को लेकर चल रही राजनीतिक उथल-पुथल में डीएमके और टीवीके एक-दूसरे के आमने-सामने आ गए हैं। इस भीषण हादसे में 41 लोगों की जान गई है, जिसके बाद टीवीके प्रमुख विजय ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

डीएमके प्रवक्ता टीकेएस इलंगोवन ने कहा कि ऐसी विशाल त्रासदी के बाद एक जिम्मेदार सरकार का प्राथमिक कर्तव्य होता है कि वह सत्य की खोज करे।

उन्होंने आगे कहा, "जब भगदड़ में 41 लोगों की जान गई, तो हमारा दायित्व था कि हम यह जानें कि ऐसा क्यों और कैसे हुआ। इसी उद्देश्य से हमने एक आयोग का गठन किया है। आयोग की जिम्मेदारी है कि वह इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करे और तथ्य सामने लाए। हमने वही किया है, जो एक संवेदनशील सरकार को करना चाहिए।"

इलंगोवन ने टीवीके प्रमुख के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा, "अगर कोई चाहता है कि इस मामले की जांच राज्य सरकार न करे, तो इसका एक ही कारण हो सकता है कि उन्हें डर है कि उनकी गलतियों का खुलासा न हो जाए।"

टीवीके प्रमुख विजय ने बुधवार को महाबलीपुरम में एक प्रेस वार्ता के दौरान सरकार पर राजनीति करने का आरोप लगाया। विजय ने कहा कि करूर की घटना में जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है, वे गहरे दुख और सदमे से गुजर रहे हैं।

हमने इस दुख की घड़ी में कोई राजनीतिक बयानबाजी नहीं की। हम चुप रहे, लेकिन इसके बावजूद सत्ताधारी पार्टी ने लगातार हमले किए और विधानसभा में हमारे खिलाफ उकसाने वाली बातें कही गईं।

विजय ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के 15 अक्टूबर के भाषण को 'शत्रुतापूर्ण' बताया। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री अक्सर दावा करते हैं कि वे राजनीति से ऊपर उठकर काम करते हैं, लेकिन उनके भाषण में हमारे प्रति अत्यधिक वैमनस्यता थी। इस दुख की घड़ी में हमारे खिलाफ राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण है।"

करूर भगदड़ मामले ने तमिलनाडु की राजनीति को दो ध्रुवों में बांट दिया है। एक ओर सरकार द्वारा गठित जांच आयोग पर जोर दिया जा रहा है, तो दूसरी ओर टीवीके इसे राजनीतिक प्रतिशोध और संवेदनहीनता बता रही है।

--आईएएएनएस

वीकेयू/वीसी

Point of View

बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि कैसे घटनाएँ समाज के लिए महत्वपूर्ण होती हैं। हमें चाहिए कि हम बिना पक्षपात के सही तथ्य जानें और राजनीतिक स्थिरता के लिए प्रयास करें।
NationPress
05/11/2025

Frequently Asked Questions

करूर भगदड़ में कितने लोग प्रभावित हुए थे?
करूर भगदड़ में कुल 41 लोगों की जान गई थी।
डीएमके ने इस घटना पर क्या प्रतिक्रिया दी?
डीएमके ने एक जांच आयोग का गठन किया है ताकि सच का पता लगाया जा सके।
टीवीके प्रमुख विजय का क्या कहना है?
विजय ने सरकार पर राजनीति करने का आरोप लगाया है और कहा है कि पीड़ित परिवारों का दर्द नजरअंदाज किया गया है।