क्या भारत और अमेरिकी सैन्य कमांडर्स ने डिफेंस पार्टनरशिप पर चर्चा की?

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क्या भारत और अमेरिकी सैन्य कमांडर्स ने डिफेंस पार्टनरशिप पर चर्चा की?

सारांश

भारत और अमेरिका के वरिष्ठ सैन्य कमांडर्स ने एक महत्वपूर्ण बैठक में डिफेंस पार्टनरशिप पर चर्चा की। यह समझौता सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने में सहायक सिद्ध होगा। जानें इस बैठक की खास बातें और भविष्य की रक्षा रणनीतियों के बारे में।

Key Takeaways

  • भारत और अमेरिका के बीच डिफेंस पार्टनरशिप को मजबूत बनाने के लिए महत्वपूर्ण समझौता।
  • 10 वर्षों के लिए फ्रेमवर्क पर हस्ताक्षर।
  • बैठक में साइबर सुरक्षा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों पर ध्यान।
  • हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने का प्रयास।
  • रक्षा नवाचार और प्रौद्योगिकी साझेदारी को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता।

नई दिल्ली, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और अमेरिका के वरिष्ठ सैन्य कमांडर्स ने इंडिया-यूएस मेजर डिफेंस पार्टनरशिप के लिए ढांचे पर गहन चर्चा की है। यह संवाद अमेरिका में आयोजित इंडो-यूएस मिलिट्री कोऑपरेशन ग्रुप की बैठक में हुआ। पिछले सप्ताह, दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने इस ढांचे पर हस्ताक्षर किए थे, जो कि रक्षा सहयोग को और मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा मंत्री पीटर हेगसेथ के साथ 10 वर्षीय ‘फ्रेमवर्क फॉर द यूएस-इंडिया मेजर डिफेंस पार्टनरशिप’ पर हस्ताक्षर किए। यह महत्वपूर्ण बैठक पिछले शुक्रवार को कुआलालंपुर में हुई। इसके तहत दोनों देशों ने 10 वर्षों के लिए 'यूएस-इंडिया मेजर डिफेंस पार्टनरशिप फ्रेमवर्क' पर सहमति दी है। इसके बाद, भारत और अमेरिका के बीच 22वीं मिलिट्री कोऑपरेशन ग्रुप की बैठक में इस समझौते से जुड़े विषयों पर आगे की चर्चा की गई, जिसमें रक्षा सहयोग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा, और संयुक्त प्रशिक्षण शामिल हैं।

भारत के इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ ने बताया कि 22वीं मिलिट्री कोऑपरेशन ग्रुप बैठक सफलतापूर्वक हवाई में सम्पन्न हुई। इस बैठक की सह-अध्यक्षता भारत की ओर से चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ एयर मार्शल अशुतोष दीक्षित और अमेरिका की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल जोशुआ एम. रुड ने की। बैठक में हाल ही में हस्ताक्षरित समझौते पर विस्तार से चर्चा की गई, जिसके तहत दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूती प्रदान करने की दिशा में ठोस प्रगति की गई।

बैठक के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा, कॉम्बैट मेडिसिन, संयुक्त प्रशिक्षण, और परिचालन लॉजिस्टिक्स जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया गया। दोनों पक्षों ने रक्षा नवाचार, प्रौद्योगिकी साझेदारी, और क्षमताओं के आदान-प्रदान को तेज करने पर सहमति जताई।

भारत और अमेरिका ने इंटरऑपरेबिलिटी बढ़ाने और साझा सुरक्षा उद्देश्यों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई। यह बैठक दोनों देशों के रक्षा सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह संवाद भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी की निरंतर प्रगति का प्रतीक है, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता, और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए दोनों लोकतांत्रिक देशों की साझा दृष्टि को साकार कर रहा है।

Point of View

मैं मानता हूँ कि यह बैठक केवल सैन्य सहयोग का एक पहलू नहीं है, बल्कि यह भारत और अमेरिका के बीच स्थायी रणनीतिक साझेदारी को भी मजबूती प्रदान करती है। यह सहयोग न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि समग्र क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
05/11/2025

Frequently Asked Questions

भारत और अमेरिका के बीच डिफेंस पार्टनरशिप का महत्व क्या है?
यह पार्टनरशिप दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग को मजबूत करती है और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ावा देती है।
इस समझौते के तहत कौन-कौन से विषय शामिल हैं?
समझौते में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा, संयुक्त प्रशिक्षण और परिचालन लॉजिस्टिक्स जैसे विषय शामिल हैं।